#Varanasi छठी मैया के गीतों से तट, उगते सूर्य को दिया व्रतियों ने अर्घ्य

Update: 2020-11-21 03:11 GMT

वाराणसी,  । उदयाचल सूर्य को अर्घ्य के पहले तड़के नदियों के घाट और सरोवर पर महिलाओं ने रतजगा करते हुए छठी मैया के गीत गाये। तड़के सूर्योदय की बेला से पूर्व वेदी के पास पूजन और सूर्योपासना के अनुष्ठान के बीच गूंजते छठी मैया के गीतों ने जान्हवी तट को आध्यात्मिकता से सराबोर कर दिया।

खरना और नहाय खाय के बाद उगते सूर्य को उग हे सूरज देव और कांचहि बांस के बहंगिया बहँगी लचकत जाए... आदि के गीतों से जान्हवी तट गूंजता रहा। छठ की पूजा में महिलाओं ने नदियों और तालाब में खड़ी होकर सूर्य को अर्घ्य देकर पति व संतान की लंबी उम्र की कामना करते हुए पूजा अर्चना किया। व्रती महिलाओं ने अन्य महिलाओं को सिंदूर लगाकर परंपरा के अनुसार पूजा को संपन्न किया। मान्यता है कि जितना लंबा सिंदूर लगता है उतनी ही लंबी पति व संतान की उम्र होती है। वहीं घातों पर सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए चारों तरफ सुरक्षा कर्मी और जल पुलिस की तैनाती रही।

इस तरह सूर्योपासना का छठ पर्व का कठिन व्रत पूर्ण कर व्रतियों ने मंगलकामना की और अखंड सौभाग्य सूर्य देव और छठी मैया से मांगा। गीतों संग छठ व्रत का पारण कर व्रती घर लौटे और प्रसाद वितरण कर लंबी उम्र का आशीष संतानों को दिया।

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