ये NRC से भी खतरनाक, चुनाव आयोग ये नहीं कह सकता… जानें EC पर क्यों भड़कीं सीएम ममता बनर्जी

Update: 2025-06-26 13:36 GMT

चुनाव आयोग ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) आयोजित करने के निर्देश जारी किए हैं. आयोग का कहना है कि इसका मकसद सभी पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची में शामिल करना है. ताकि वो अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें. कोई भी अपात्र मतदाता वोटर लिस्ट में शामिल न हो और वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता लाई जा सके. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग से 2 पत्र आए हैं. ये बिहार को लेकर हैं. एक घोषणा पत्र पर मुझे आपत्ति है. यह बहुत बुरा होगा! याद रखें. यह एनआरसी से भी खतरनाक है.


ममता बनर्जी ने कहा कि इसमें बहुत गड़बड़ है. चुनाव आयोग ने इसे विशेष गहन संशोधन का नाम दिया है. बिहार भाजपा का राज्य है. वहां कोई विरोध नहीं करेगा. बीजेपी बंगाल को निशाना बना रही है और डरी हुई है. चुनाव आयोग इसे एकतरफा नहीं कर सकता. चुनाव आयोग यह नहीं कह सकता कि नई मतदाता सूची बनाई जाएगी. हमें बंधुआ मजदूर समझ रहे हैं.

सभी दल इस पर गौर करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के प्रचारक ये सब कर रहे हैं. मैं उनका नाम नहीं लेना चाहती. चुनाव आयोग ने हमें पत्र के माध्यम से बताया कि उन्हें बूथ लेवल एजेंट का डेटा चाहिए. मैं लोकतंत्र के लिए लड़ूंगी. मैं सभी दलों से अनुरोध करती हूं कि वो इस पर गौर करें. चुनाव आयोग की योजना भयावह है. जहां तक ​​मेरी जानकारी है, वर्तमान चुनाव आयोग अमित शाह का सचिव है.

क्या यह एनआरसी है?

ममता बनर्जी ने कहा, मुझे समझ में नहीं आ रहा है, उनका इरादा क्या है? क्या यह एनआरसी है, युवा पीढ़ी वोट नहीं कर सकती? क्या हो रहा है. युवा पीढ़ी वोट नहीं करेगी? वो किसे वोट देंगे? यह एक भयावह खेल है, मैं चुनाव आयोग से सूची को ठीक करने के लिए कहती हूं. आम लोगों पर दबाव न डालें. अगर आपको लगता है कि बाहर से आए मतदाताओं को पश्चिम बंगाल के मतदाता के रूप में पूरा किया जाएगा, तो चीजें इतनी आसान नहीं हैं.

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