जल जीवन मिशन में लापरवाही पर CM योगी ने सख्ती दिखाते हुए 183 अफसरों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जल जीवन मिशन के कार्यों की गुणवत्ता को लेकर सख्ती दिखाते हुए 183 अफसरों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की है. इनमें से 122 अधिकारियों पर अनुशासनिक जांच 55 को प्रतिकूल प्रविष्टि और 6 को सस्पेंड किया गया है. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि लापरवाही और ढिलाई करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा.
जल जीवन मिशन के तहत उत्तर प्रदेश देश में सबसे आगे है. यह पहला राज्य है जिसने सबसे ज्यादा ग्रामीण घरों को नल से शुद्ध पेयजल मुहैया कराया है. लेकिन मुख्यमंत्री का साफ कहना है कि संख्या के साथ-साथ गुणवत्ता भी जरूरी है. इसी के चलते निर्माणाधीन पेयजल योजनाओं की जांच के बाद जिम्मेदार अफसरों पर एक्शन लिया गया.
किस स्तर पर हुई कार्रवाई?
जल जीवन मिशन के कामों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर की गई कार्रवाई में 7 मुख्य अभियंताओं पर जांच बैठाई गई. इसके साथ ही 4 को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई और 5 अधीक्षण अभियंताओं पर जांच और 07 को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई. वहीं 59 अधिशासी अभियंताओं पर जांच और 44 को प्रतिकूल प्रविष्टि, 4 को निलंबन, 32 सहायक अभियंताओं पर जांच, 2 निलंबित और 19 अवर अभियंताओं की अनुशासनिक जांच के दायरे में हैं.
योगी सरकार का फोकस, हर घर तक शुद्ध पानी
हर घर जल’ का सपना साकार करने के लिए शुरू हुआ जल जीवन मिशन केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. इस योजना के तहत गांवों में घर-घर नल से पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में इसे शुरू किया था. उत्तर प्रदेश में इस योजना पर तेजी से काम हो रहा है और अब तक करोड़ों ग्रामीणों को इसका लाभ मिल चुका है.
मुख्यमंत्री योगी ने साफ कहा है कि जनता के पैसे से चल रही योजनाओं में गड़बड़ी या लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि अगर काम में ईमानदारी और गुणवत्ता नहीं होगी तो कड़ी कार्रवाई तय है.
जल जीवन मिशन क्यों है जरूरी?
उत्तर प्रदेश के कई इलाके अब भी पानी की किल्लत से जूझते हैं. खासकर बुंदेलखंड, सोनभद्र, चंदौली जैसे इलाकों में पीने के साफ पानी की भारी जरूरत है. जल जीवन मिशन से इन क्षेत्रों में पानी पहुंचाने का बड़ा काम हो रहा है. सरकार की योजना है कि 2024-25 तक प्रदेश के सभी ग्रामीण घरों को शुद्ध पेयजल से जोड़ दिया जाए. योगी सरकार इस लक्ष्य को समय पर पूरा करने के लिए लगातार निगरानी कर रही है.