आखिरकार लंबे इंतजार के बाद भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और 3 अन्य यात्रियों को लेकर एक्सिओम-4 मिशन (Axiom-4 Mission) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा के लिए रवाना हो गया. मिशन की लॉन्चिंग तय समय के अनुसार दोपहर 12.01 मिनट पर कर दी गई. इससे पहले स्पेसएक्स (SpaceX) ने ऐलान किया था कि आज बुधवार को होने वाले संभावित उड़ान के लिए मौसम 90 फीसदी अनुकूल है.
एक्सिओम-4 मिशन ने अपनी लॉन्चिंग के दौरान करीब 30 हजार किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरा. कहा जा रहा है कि एक्सिओम-4 मिशन के 28 घंटे की यात्रा के बाद भारतीय समयानुसार गुरुवार शाम साढ़े चार बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचेगा. इससे पहले स्पेसएक्स, जो इस अंतरिक्ष मिशन के लिए ट्रांसपोर्ट की सुविधा दे रहा है, ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने एक पोस्ट में कहा, “बुधवार को एक्सिओम_स्पेस के Ax-4 mission के स्पेस स्टेशन पर प्रक्षेपण के लिए सभी सिस्टम अच्छे दिख रहे हैं और उड़ान के लिए मौसम भी 90% अनुकूल भी दिख रहा है.”
फ्लोरिडा के कैनेड स्पेस सेंटर होगा लॉन्च
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा, “नासा, एक्सिओम स्पेस (Axiom Space) और स्पेसएक्स (SpaceX) अब अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए चौथे प्राइवेट अंतरिक्ष यात्री मिशन, एक्सिओम मिशन 4 के प्रक्षेपण के लिए आज बुधवार, 25 जून को भारतीय समयानुसार दोपहर 12.01 बजे का टॉरगेट सेट कर रहे हैं.” यह मिशन फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर में लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से उड़ान भरेगा. कंपनी के फाल्कन 9 रॉकेट पर लॉन्च होने के बाद चालक दल एक नए स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर ओरबिटिंग लैबोरेटरी की यात्रा करेगा.
नासा ने अपने बयान में कहा कि टॉरगेटेड डॉकिंग टाइम कल गुरुवार को करीब 4.30 बजे है. नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री और एक्सिओम स्पेस में मानव अंतरिक्ष यान के डायरेक्टर पैगी व्हिटसन कॉमर्शियल मिशन की कमान संभालेंगे, जबकि इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला पायलट के रूप में काम करेंगे.
इनके अलावा 2 मिशन स्पेशलिस्ट पोलैंड के ईएसए (यूरोपीय स्पेस एजेंसी) प्रोजेक्ट के अंतरिक्ष यात्री स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के HUNOR (हंगेरियन टू ऑर्बिट) अंतरिक्ष यात्री टिबोर कपू हैं.
अलग-अलग वजहों से लॉन्चिंग में हुई देरी
इससे पहले एक्सिओम-4 मिशन की लॉन्चिंग में कई बार अलग-अलग वजहों से देरी हो चुकी है, पहले खराब मौसम की वजह से और फिर स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट और बाद में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के रूसी मॉड्यूल पर लीक का पता चलने की वजह से इस यात्रा को टालना पड़ा था. पहले इसे 29 मई को प्रक्षेपित किया जाना था. फिर इसे 8 जून, 10 जून और 11 जून के लिए टालना पड़ा गया था.
शुभांशु शुक्ला को जानें
शुभांशु शुक्ला एयरफोर्स ऑफिसर से एस्ट्रोनॉट बने हैं. उन्होंने 2026 में भारतीय वायु सेना की फाइटर स्ट्रीम ज्वाइन की थी. जहां वह वायुसेना में फाइटर कॉम्बैट लीडर और टेस्ट पायलट बने. शुभांशु के पास Su-30 MKI, मिग-21, मिग-29, जगुआर, डोनियर और हॉक जैसे विमानों को 2 हजार से अधिक घंटे उड़ाने का अनुभव है.
शुभांशु ने साल 2019 में ISRO गगनयान के लिए आवेदन किया था, जिसके बाद उनका चयन चार अधिकारियों के साथ इसरो के गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के लिए हुआ था. इसके बाद उन्होंने स्पेस में जाने के लिए रूस और बेंगलुरु में ट्रेनिंग ली.
लखनऊ में जन्मे शुभांशु शुक्ला की शिक्षा की बात करें तो उन्होंने लखनऊ स्थिति सिटी मांटेसिरी स्कूल से अपनी स्कूल शिक्षा पूरी की है. उन्होंने बेंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस सेएयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एमटेक की डिग्री ली है.