सूरत में नकली घी का भंडाफोड़ : 9000 किलो से अधिक जब्त, महाराष्ट्र तक सप्लाई का खुलासा

Update: 2025-10-05 05:24 GMT


रिपोर्ट : विजय तिवारी

दिवाली से पहले सूरत में लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाला बड़ा नकली घी घोटाला सामने आया है। सूरत पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने अमरोली और कोसाड क्षेत्र में चल रही तीन अलग-अलग फैक्ट्रियों पर छापेमारी कर लगभग 9,000 किलो नकली घी बरामद किया, जिसकी बाजार कीमत लगभग ₹67 लाख बताई जा रही है।

पुलिस के अनुसार, छापे के दौरान उत्पादन में इस्तेमाल होने वाली मशीनें, पैकिंग सामग्री और कच्चा माल समेत कुल ₹1.20 करोड़ का सामान जब्त किया गया। यह नकली घी पिछले दो साल से बाज़ार में बेचा जा रहा था और इसके जरिए बड़े पैमाने पर आर्थिक लाभ कमाया जा रहा था।

जांच में पता चला है कि नकली घी बनाने में पामोलीन तेल, सिंथेटिक रंग और खतरनाक केमिकल्स का इस्तेमाल किया जा रहा था। घी की बनावट और सुगंध आकर्षक दिखाने के लिए ‘SS केमिकल’ जैसे जहरीले पदार्थ मिलाए जाते थे। इस घी को बाजार में ‘रिदम’ और ‘शाश्वत’ जैसे ब्रांड नामों से बेचा जा रहा था और इसकी सप्लाई महाराष्ट्र तक हो रही थी।

पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने अपने कारोबार को वैध दिखाने के लिए कंपनियों के नाम और पैकिंग लेबल बदलकर फर्जी ब्रांडिंग की थी। फैक्ट्रियों में अलग-अलग नाम से पैकिंग की जाती थी और बाजार में यह घी उपभोक्ताओं को प्रीमियम ब्रांड के नाम पर बेचा जाता था।

स्वास्थ्य पर खतरा:

डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि ऐसे केमिकलयुक्त और मिलावट किए गए घी का सेवन गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है, जिसमें कैंसर, लीवर और किडनी संबंधी रोग शामिल हैं। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह विशेष रूप से खतरनाक है।

पुलिस की कार्रवाई ने त्योहारों से पहले शहर में फैल रहे इस ‘ज़हरीले व्यापार’ का पर्दाफाश किया है। अधिकारियों ने आम जनता से अपील की है कि वे सिर्फ प्रमाणित ब्रांड का ही घी खरीदें और संदिग्ध पैकिंग वाले उत्पादों से बचें।

सूरत पुलिस ने इस मामले में आगे भी जांच जारी रखी है और संभावित अन्य सप्लायर और वितरण नेटवर्क का पता लगाने के लिए कार्रवाई कर रही है।

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