मतदाता सूची पुनरीक्षण : उत्तर प्रदेश में 4 नवंबर से शुरू हुई प्रक्रिया, दो स्थानों से फॉर्म भरने वालों पर विशेष निगरानी — आयोग ने दी सख्त चेतावनी
डेस्क रिपोर्ट : विजय तिवारी
उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) 4 नवंबर 2025 से शुरू हो चुका है। यह अभियान 4 दिसंबर तक घर-घर सत्यापन, 9 दिसंबर को ड्राफ्ट सूची जारी, और 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन तक जारी रहेगा। इस पूरी अवधि में चुनाव आयोग ने दोहरे नामांकन को लेकर पहले से अधिक कड़ा रुख अपनाया है।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट कहा है कि यदि कोई नागरिक दो अलग-अलग स्थानों—एक पुराने पते और एक नए शहर—से एक साथ आवेदन दाखिल करता है, तो इसे कानूनी अपराध माना जाएगा। नियमों के अनुसार लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 31 के तहत इस अपराध पर एक वर्ष तक की कैद, जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
क्यों बढ़ाई गई निगरानी?
देश के बड़े महानगर — मुंबई, दिल्ली और चेन्नई — ऐसे शहर हैं जहाँ रोजगार, पढ़ाई और किराये के कारण यूपी के बड़ी संख्या में लोग रहते हैं। आयोग के मुताबिक कई लोग अपने पुराने पते पर भी नाम बनाए रखते हैं, जबकि नई जगह पर भी फॉर्म भर देते हैं, जिससे उनका दोहरा नामांकन हो जाता है। यही कारण है कि इस वर्ष सत्यापन प्रक्रिया को अधिक कड़ा और तकनीकी आधार पर मजबूत बनाया गया है।
दोहरे नामों से चुनाव प्रभावित
आयोग के अनुसार—
दोहरी प्रविष्टियाँ फर्जी मतदान की संभावना बढ़ाती हैं,
पूरी निर्वाचन प्रणाली की विश्वसनीयता पर असर डालती हैं,
और निष्पक्ष चुनाव पर सीधा प्रश्नचिह्न लगाती हैं।
इसी वजह से आयोग ने विशेष टीमें तैनात की हैं और डिजिटल ट्रैकिंग, घर-घर सत्यापन, तथा ऑनलाइन मिलान प्रणाली को सक्रिय किया है।
फॉर्म भरते समय नियम
आयोग ने स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं—
नए पते पर नाम जोड़ने के लिए फॉर्म-6 भरें
पुराने पते से नाम हटाने के लिए फॉर्म-7
पते या जानकारी में सुधार के लिए फॉर्म-8
चेतावनी यह भी है कि यदि कोई व्यक्ति गलत जानकारी देता है या झूठी घोषणा करता है, तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित है।
डिजिटल सिस्टम से बढ़ी सख्ती
ऑनलाइन पोर्टल और एप्लिकेशन के माध्यम से आवेदन प्रक्रिया आसान होने के साथ-साथ आयोग को डुप्लीकेट एंट्री पकड़ने में अधिक सटीकता मिली है। इसी कारण अब दो जगह से फॉर्म भरना पहले की तुलना में अधिक आसानी से ट्रैक हो जाता है, जिससे कार्रवाई भी तेज हो गई है।
आयोग की अपील
चुनाव आयोग ने नागरिकों से आह्वान किया है कि वे—
अपनी जानकारी सही भरें,
केवल एक ही निर्वाचन क्षेत्र में नाम रखें,
और स्थान बदलने पर पुराने पते से नाम अवश्य हटवाएँ।
आयोग के अनुसार, सही और शुद्ध मतदाता सूची ही लोकतंत्र की नींव है।