रिपोर्ट : विजय तिवारी
डबलिन स्थित भारतीय दूतावास और आयरलैंड के प्रवासी भारतीय समुदाय ने हिंदी दिवस 2025 को इस बार एक अनूठे और बहुभाषी स्वरूप में मनाया। कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि भारतीय संविधान की अनुसूची 8 में उल्लिखित 15 भारतीय भाषाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वक्ताओं ने इसमें भाग लिया। यह आयोजन केवल हिंदी की प्रतिष्ठा का उत्सव नहीं था, बल्कि भारतीय भाषाओं की समृद्ध परंपरा, विविधता और उनमें निहित एकता का जीवंत परिचायक भी बना।
“एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की झलक
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के प्रेरक संदेश से प्रेरित होकर, भारतीय दूतावास वर्षों से आयरलैंड में हिंदी दिवस, विश्व हिंदी दिवस और विविध सांस्कृतिक आयोजनों में प्रवासी भारतीयों की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करता आ रहा है। इन आयोजनों के माध्यम से भारतीय भाषाई, सांस्कृतिक और सामाजिक-आर्थिक धरोहर की समृद्धि और विविधता को संरक्षित करने के साथ-साथ उसकी अंतर्निहित एकता को उजागर किया जाता है।
राजदूत अखिलेश मिश्र का संबोधन
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आयरलैंड में भारत के राजदूत श्री अखिलेश मिश्र ने अपने संबोधन में हिंदी दिवस को “समावेशी और सहभागी रूप” में मनाने के लिए भारतीय समुदाय की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत की वैश्विक पहचान एक जीवंत बहुलवादी लोकतंत्र की है, जो विविधताओं को अपनाने और उनका उत्सव मनाने की परंपरा पर आधारित है।
राजदूत मिश्र ने याद दिलाया कि भारत में असंख्य धर्मों के अनुयायी और अनेक भाषाओं के बोलने वाले लोग सह-अस्तित्व और सौहार्द की भावना से जीवन जीते हैं तथा अपनी बहुमुखी प्रतिभा और रचनात्मकता से एक-दूसरे को समृद्ध करते हैं। उन्होंने कहा कि “आज के समय में जब दुनिया बढ़ते ध्रुवीकरण और विभाजन की चुनौतियों से जूझ रही है, ऐसे में आयरलैंड का भारतीय समुदाय सहयोग और साझेदारी की प्रेरणादायक मिसाल प्रस्तुत कर रहा है।”
दूतावास की प्रतिबद्धता
राजदूत मिश्र ने इस अवसर पर यह भी आश्वस्त किया कि भारतीय दूतावास आगे भी विभिन्न भाषाई और सांस्कृतिक समूहों के साथ मिलकर उनकी साहित्यिक और दार्शनिक विरासत के प्रचार-प्रसार के लिए कार्य करता रहेगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रयास न केवल भारतीय भाषाओं और हिंदी को नई ऊँचाइयाँ देंगे, बल्कि प्रवासी भारतीयों को भी अपनी जड़ों और विरासत से जोड़ते रहेंगे।