रिपोर्ट : विजय तिवारी
डबलिन (आयरलैंड) – भारत और आयरलैंड के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से डबलिन में भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित इंडिया-आयरलैंड फ्रेंडशिप लेक्चर सीरीज़ के तहत एक विशेष कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस अवसर पर भारतीय विद्वान को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में दोनों देशों के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक जुड़ाव पर चर्चा हुई। भारतीय राजदूत ने विद्वान को प्रशस्ति पत्र प्रदान करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन न केवल पारंपरिक संबंधों को प्रोत्साहित करते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरणा देते हैं।
वक्ताओं ने भारत और आयरलैंड के स्वतंत्रता आंदोलनों में साझा भावनाओं, शिक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम में भारतीय समुदाय और आयरलैंड के विद्वानों की अच्छी खासी उपस्थिति रही। भारत सरकार के आजादी का अमृत महोत्सव और G20 के संदर्भ में इसे विशेष महत्व दिया गया।
दूतावास ने कहा कि भविष्य में भी फ्रेंडशिप लेक्चर सीरीज़ नियमित रूप से आयोजित की जाएगी ताकि द्विपक्षीय संबंध और अधिक प्रगाढ़ हो सकें।
तमिल साहित्य पर विशेष व्याख्यान: श्री इंद्रन राजेन्द्रन
डबलिन। इंडिया-आयरलैंड फ्रेंडशिप लेक्चर श्रृंखला के तहत आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में तमिल साहित्य विशेषज्ञ श्री इंद्रन राजेन्द्रन ने “तमिल साहित्य की विशिष्टता और समृद्धि” विषय पर विचार साझा किए।
श्री राजेन्द्रन तमिल लेखक, अनुवादक और विद्वान हैं, जिन्होंने तमिल और अंग्रेजी में 40 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित की हैं। वे तमिल सौंदर्यशास्त्र, जनजातीय कविताओं, अफ्रीकी-अमेरिकी साहित्य और कला समालोचना के क्षेत्र में भी सक्रिय हैं।
अपने व्याख्यान में उन्होंने तमिल साहित्य की हजारों वर्षों पुरानी परंपरा, मानवीय संवेदनाएं, परोपकार और पर्यावरणीय चेतना पर विशेष जोर दिया। उन्होंने तमिल संत कवियों और देशभक्त विचारकों, विशेषकर सुबरमण्यम भारती के योगदान का स्मरण कर राष्ट्रीय एकता और आत्मसम्मान की भावना को उजागर किया।
राजदूत अखिलेश मिश्रा के विचार
आयरलैंड में भारत के राजदूत अखिलेश मिश्रा ने श्री राजेन्द्रन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के व्याख्यान द्विपक्षीय समझ और सांस्कृतिक संबंधों को सुदृढ़ बनाते हैं। उन्होंने बताया कि यह श्रृंखला 2022 में आरंभ की गई थी, जब भारत ने स्वतंत्रता के 75 वर्ष और आयरलैंड ने 100 वर्ष पूरे किए। अब तक 62 व्याख्यान आयोजित किए जा चुके हैं।
राजदूत ने तमिल भाषा की प्राचीनता, साहित्यिक संपदा और भारतीय संस्कृति में उसके योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) के बाद भाषाओं के विकास और सांस्कृतिक, कलात्मक, साहित्यिक तथा आर्थिक प्रगति में उनके महत्व पर बल दिया। मिश्रा ने भाषाओं के समृद्धिकरण के लिए आपसी संवाद, शिक्षा और सहयोग की आवश्यकता पर भी जोर दिया।