क्या अमित शाह की वजह से विपक्षी सांसदों ने रूडी को दिए वोट? कांस्टीट्यूशनल क्लब चुनाव की इनसाइड स्टोरी
कांस्टीट्यूशन क्लब के चुनाव में बीजेपी बनाम बीजेपी की टक्कर देखने को मिली. राजीव प्रताप रूडी और संजीव बालियान के बीच कांटे की टक्कर रही. लेकिन, आखिरकार राजीव प्रताप रूडी ने कांस्टीट्यूशन क्लब में अपना 25 साल पुराना दबदबा बरकरार रखा और जीत दर्ज की. इस चुनाव में कई दिग्गज नेताओं ने वोट दिया. अमित शाह से लेकर सोनिया गांधी तक वोट देने पहुंचीं.
जीत दर्ज करने के बाद रूडी ने आधी रात के बाद पत्रकारों को बताया कि उन्होंने 102 वोटों से जीत हासिल की है. साथ ही उनके पैनल के सदस्य, जो विभिन्न दलों से थे, ने भी जीत हासिल की है. लेकिन, इसी बीच चलिए जानते हैं कि इस चुनाव में विपक्षी सांसदों से क्यों और कैसे रूडी को समर्थन दिया, इन सब में अमित शाह का क्या कनेक्शन है. चलिए जानते हैं, कांस्टीट्यूशनल क्लब चुनाव की इनसाइड स्टोरी
कांस्टीट्यूशनल क्लब चुनाव की इनसाइड स्टोरी
बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी के सामने अचानक बीजेपी नेता संजीव बालियान मैदान में उतरे, तो अंदरखाने चर्चा तेज हो गई कि, बाल्यान गृहमंत्री अमित शाह के इशारे पर मैदान में कूदे हैं. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने खुलकर बाल्यान के हक में बयानबाजी की, खुद अमित शाह और जेपी नड्डा वोट डालने पहुंचे.
ऐसे में सियासी गलियारों में चर्चा आम हो गई कि, अनौपचारिक रूप से अमित शाह के नॉमिनी संजीव बालियान हैं, तो खबरें तेज़ हो चलीं कि, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ठाकुर लॉबी और बिहारी अस्मिता के मुद्दे पर रूडी सवार हो चले.
इस रस्सा कसी में कांग्रेस, सपा समेत विपक्ष को लगा कि, ये बड़ा मौका बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह को चित करने का है, तो खुद सोनिया, खड़गे, राहुल मतदान के लिए पहुंचे. इसके जरिये संदेश दिया गया कि रूडी को जिताइये और केंद्र सरकार के बड़े मंत्री को बड़ा झटका दीजिये.
सामान्य से क्लब का चुनाव माना-जाने वाला ये चुनाव सियासी तौर पर खासा गर्म हो गया. आखिर में कुल मिलाकर 707 वोट पड़े. जिसमें से लगभग 679 वोट डाले गए और बाकी के 38 वोट बैलेट थे. देर रात 2 बजे तक चुनाव में गिनती दिलचस्पी के साथ चलती रही. लंबे वक्त तक क्लोज फाइट चली, लेकिन आखिर में रूडी 102 मतों के बड़े मार्जिन से जीत गए.
चुनाव जीतते ही क्लब के बाहर देर रात रूडी समर्थकों ने जश्न मनाया. फिर चुप्पी तोड़ते हुए दिल खोलकर रूडी बोले कि, ये जीत एक लाख मतों से ज़्यादा की है. रूडी के खिलाफ बीजेपी नेतृत्व का बाल्यान को उतारने के बावजूद जीतते ही रूडी ने जीत की वजहों को सीधे जाहिर करते हुए तंज कसा कि, उनके पैनल में कांग्रेस, सपा समेत विपक्ष के लोग भी थे.
रूडी की जीत को सियासी गलियारों में दिल्ली बनाम यूपी की लड़ाई के एक अहम पड़ाव की तरह देखा जा रहा है. साथ ही विपक्ष इसे सरकार के खिलाफ अपनी जीत के तौर पर देख रहा है. वहीं, रूडी की जीत को बिहार चुनाव में बिहारी अस्मिता से जोड़कर बीजेपी को बैकफुट पर लाने की भी तैयारी है.
हालांकि, चुनावी धांधली और SIR के मुद्दे पर आक्रामक विपक्ष रूडी की जीत के बाद देर रात से ही तंज कसने लगा कि, इस चुनाव में न ही ईवीएम थी, न चुनाव आयोग और न उसकी वोटर लिस्ट। इसलिए नतीजा सामने है. कांग्रेस के नेता शक्ति सिंह गोहिल ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया के चुनाव की मतगणना बड़े ही दिलचस्प दौर में है. EVM से मतदान नहीं हुआ था. हमने बैलेट पर वोट दिया है.