पंडिताइन रेनू तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज, जानें क्यों हुई कार्रवाई

Update: 2025-06-29 16:03 GMT

इटावा: यूपी के इटावा में कथावाचक के साथ हुई अमानवीयता का मामला चर्चा में है। ऐसे में इस विवाद को लेकर चर्चा में आईं पंडिताइन रेनू तिवारी के खिलाफ कार्रवाई की गई है। रेनू तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

क्या है पूरा मामला?

इटावा जिले के दांदरपुर गांव में हुए विवाद को लेकर चर्चा में आई पंडिताइन रेनू तिवारी के विरुद्ध सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने का मुकदमा दर्ज हुआ है। इटावा कथावाचक कांड पर पुलिस ने ये बड़ी कार्रवाई की है।

रेनू तिवारी द्वारा सोशल मीडिया पर जाति विशेष पर अभद्र टिप्पणी कर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ा जा रहा था। इटावा के बकेवर थाना में रेनू तिवारी के खिलाफ धारा 196, 299, 352 बीएनएस एवं 67 आईटी एक्ट के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है।

कथावाचकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज होने के बाद भी रेनू तिवारी ने सोशल मीडिया पर जाति विशेष पर अभद्र टिप्पणी की। इसीलिए मुकदमा दर्ज किया गया है। बता दें कि बीते शनिवार को समाजवादी पार्टी के डेलीगेशन ने एसएसपी से मिलकर उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। पुलिस ने इस मामले पर बाइट देने से फिलहाल मना कर दिया है।

क्या है इटावा का कथावाचक कांड?

21 जून 2025 को इटावा के बकेवर थाना क्षेत्र के दांदरपुर गांव में कथावाचकों के साथ मारपीट हुई। यहां कथावाचकों, मुकुट मणि यादव और उनके सहयोगी संत सिंह यादव, के साथ मारपीट और अपमानजनक व्यवहार की बात सामने आई। वह यहां पर भागवत कथा वाचन के लिए आए थे। ये विवाद तब सामने आया जब कुछ ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कथावाचकों की जाति (यादव) है और उन्होंने झूठ बोलकर खुद को ब्राह्मण बताया।

ग्रामीणों ने कथावाचकों के साथ मारपीट की, उनकी चोटी काटी, सिर मुंडवाया, और एक महिला यजमान के पैरों पर नाक रगड़वाने के लिए मजबूर किया। इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ। जिसके बाद क्षेत्र में तनाव बढ़ गया।

इस मामले में आयोजक जय प्रकाश तिवारी (परीक्षित) और उनकी पत्नी ने कथावाचकों पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया। वहीं कथावाचकों का कहना है कि उनकी जाति पूछी गई और यादव होने के कारण उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। इस मामले में अभी तक कई लोगों को पकड़ा गया है और कार्रवाई जारी है। 

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