अमृत योजना बनी आम जनता की परेशानी का कारण, सड़कें खुदीं, जल नहीं; आवागमन में बाधा, नागरिक बेहाल
आनंद गुप्ता/अनवार खान
बहराइच।
शहर में संचालित अमृत पेयजल योजना, जिसे सरकार ने जनता को शुद्ध जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू किया था, अब आम नागरिकों के लिए मुसीबत का कारण बनती जा रही है। योजना के तहत पटरियों और सड़कों की खुदाई के चलते राहगीरों, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि योजना को शुरू हुए कई वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन आज तक अधिकांश नागरिकों को इस योजना के तहत शुद्ध पेयजल की एक बूंद तक मयस्सर नहीं हो सकी है।
योजना की कार्यप्रणाली में यह स्पष्ट प्रावधान था कि जहां भी खुदाई होगी, वहां की सड़क या खड़ंजे की मरम्मत कार्यदायी संस्था द्वारा तत्काल की जाएगी। लेकिन धरातल पर इसका पालन नहीं हो पा रहा है — खुदाई के बाद कई मोहल्लों की सड़कें महीनों से अधूरी पड़ी हैं, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
स्थानीय निवासी बताते हैं कि गड्ढों, कीचड़ और धूल से भरी अधूरी सड़कों से गुजरना अब रोज़मर्रा की कठिनाई बन गई है। उनका सवाल है — "जब लाभ नहीं मिल रहा, तो इतनी बड़ी असुविधा क्यों?"
🗣️ अधिकारियों का पक्ष:
इस संबंध में जब नगर पालिका परिषद की अधिशासी अधिकारी श्रीमती प्रमिता सिंह से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि,
"अमृत योजना के अंतर्गत पाइपलाइन बिछाने का कार्य पूरा होने को है। कार्य की गुणवत्ता के कारण अभी उसे हैंडओवर नहीं लिया गया है। कुछ क्षेत्रों में कार्य में देरी हुई है। सड़क मरम्मत का कार्य एजेंसी को निर्देशित किया जा चुका है और इसे शीघ्र ही पूरा किया जाएगा। हम जनता को असुविधा से मुक्ति दिलाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।"
नगरवासियों की उम्मीद अब अधिकारियों की कार्रवाई पर टिकी है — क्या वे जल्द सड़कों को दुरुस्त कर इस योजना को वास्तव में ‘अमृत’ बना पाएंगे?