धीना-बैरी मार्ग की दुर्दशा, आधा दर्जन गांवों के ग्रामीणों की राह मुश्किल
2007 से नहीं हुई मरम्मत, गड्ढों में तब्दील हुई सड़क, आंदोलन की चेतावनी
रिपोर्ट: ओ पी श्रीवास्तव संग नवीन राय
चंदौली। धीना ब्लॉक क्षेत्र के बैरीकलां से धीना रेलवे स्टेशन तक जाने वाली मुख्य सड़क की बदहाली ने ग्रामीणों की राह और ज़िंदगी दोनों मुश्किल कर दी है। बरहनी विकासखंड के खझरा, बैरीखुर्द, सिरकलपुर, गोपालपुर, चिलबीली, मोहनभिट्टी समेत आधा दर्जन गांवों के लोग वर्षों से इस सड़क की मरम्मत की माँग कर रहे हैं, मगर अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई।
ग्रामीणों के अनुसार यह सड़क 2007 में लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाई गई थी, लेकिन उसके बाद से आज तक इसकी मरम्मत नहीं कराई गई। नतीजतन, जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। आए दिन बाइक और साइकिल सवार गिरकर घायल हो रहे हैं। खासकर स्कूली बच्चों और बुजुर्गों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
यह सड़क धीना रेलवे स्टेशन, बाजार और मुख्य मार्ग से जोड़ती है, इसलिए ग्रामीणों के लिए इसका महत्व अत्यधिक है। परंतु जर्जर हालत के चलते न केवल आवागमन बाधित हो रहा है, बल्कि दुर्घटनाओं का खतरा भी बना रहता है।
गांव के नागरिकों ने कई बार जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन अब तक केवल आश्वासन ही मिले। अब ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही सड़क की मरम्मत और पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई, तो वे आंदोलन को मजबूर होंगे।
सड़क सुधार की माँग करने वालों में राजेन्द्र उपाध्याय, जयशंकर मिश्रा, बृजेश उपाध्याय, संदीप पाण्डेय, राहुल पाण्डेय, शिवम उपाध्याय, मनीष उपाध्याय, राजकिशोर बिन्द, मुरली बिन्द, देवशरण गोंड, पारस गोंड समेत कई ग्रामीण शामिल रहे।प्रशासन की चुप्पी और ग्रामीणों की चेतावनी के बीच यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कब तक बदहाल सड़क विकास की राह में रोड़ा बनी रहेगी।