स्वदेशी जागरण मंच पर्यावरण संरक्षण को पृथ्वी को माता मानकर जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से बढ़ावा देता है
पर्यावरण संरक्षण : पृथ्वी को माता मानकर पर्यावरण संरक्षण हेतु जीवनशैली में बदलाव ,स्वदेशी जागरण मंच।
जीवनशैली में बदलाव के सुझाव:
स्वदेशी उत्पादों का उपयोग: स्थानीय और पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों को चुनना, जैसे हस्तनिर्मित वस्तुएं, जैविक खाद्य पदार्थ, और प्लास्टिक के बजाय बायोडिग्रेडेबल सामग्री।
ऊर्जा और जल संरक्षण: बिजली और पानी का कम उपयोग, जैसे LED बल्ब, सौर ऊर्जा, और वर्षा जल संचयन।
पौधारोपण और जैविक खेती: पेड़ लगाना और रासायनिक उर्वरकों के बजाय जैविक खेती को बढ़ावा देना।
कचरा प्रबंधन: रीसाइक्लिंग, कम्पोस्टिंग, और एकल-उपयोग प्लास्टिक से बचना।
पर्यावरण जागरूकता: सामुदायिक स्तर पर स्वच्छता अभियान और जागरूकता कार्यक्रमों में भाग लेना।
स्वदेशी जागरण मंच के अनुसार, ये बदलाव न केवल पर्यावरण की रक्षा करते हैं, बल्कि स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देते हैं। यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 'पंच-परिवर्तन' दर्शन से भी प्रेरित है, जो पर्यावरण संरक्षण को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प रखता है।
यदि आप विशिष्ट गतिविधियों या मंच के कार्यक्रमों के बारे में और जानना चाहते हैं, तो कृपया बताएं!
सम्मानित कार्यकर्ता बंधु एवं भगिनी,
आशा है कि आप सब स्वस्थ व सानंद होंगे एवं अपने-अपने जिलों में स्वदेशी व स्वावलम्बन के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में पूर्ण मनोयोग से लगे होंगे।
संगठन में केन्द्रीय योजनानुसार जिले के आप सभी कार्यकर्ताओं से यह अपेक्षा है, कि
1. आगामी 5 जून को अधिकाधिक स्थानों पर व्यापक जन-जागरण करते हुए विश्व पर्यावरण दिवस कार्यक्रम आयोजित करें।
2. कुछ स्थानों पर विशेष रूप से बड़े कार्यक्रम भी करें। इसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी करें।
3. विचार परिवार के संगठन “ पर्यावरण गतिविधि, पर्यावरण से जुड़े स्थानीय समाज एवं स्थानीय NGO से भी संपर्क सहभागिता करें। प्रदूषण बोर्ड एवं पर्यावरण के सरकारी विभागों को भी यह करना आवश्यक होता ही है। इसके लिए वह बड़ा बजट भी रखते हैं, उनसे भी समन्वय रखें।
5. कार्यक्रम का स्वरूप स्थानीय टोली स्वयं ही विचार करे। कार्यक्रम की योजना बनाने में पर्यावरण में रुचि रखने वाले कार्यकर्ताओं को सम्मिलित करने को प्राथमिकता दें।
6. आयोजनों के मीडिया कवरेज अधिकारी संकलन करें।
भवदीय
डा अवनीन्द्र कुमार
प्रचार प्रमुख
स्वदेशी जागरण मंच
पूर्वी उप्र, काशी प्रांत।