भारत खुद बनाएगा पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट, जानें क्या-क्या होंगी खासियत
पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमान बनाने की दिशा में आज भारत ने एक बड़ा कदम उठाया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट यानी एमका कार्यक्रम के एग्जिक्यूशन मॉडल को मंजूरी दे दी है. भारत ने स्वदेशी तकनीकों के सहारे विकसित किए जाने वाले एमका विमानों को तैयार करने का जिम्मा एयरोनोटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) को सौंपा है. एडीए जल्द ही एक्प्रेशन आफ इंटरेस्ट (ईओआई) जारी कर निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों से बोली आमंत्रित करेगा.
भारत के इस पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान की अगर बात करें तो इस साल बेंगलुरु में हुए एयर शो में एमका का फुल साइज मॉडल दिखाया गया था. इसकी रफ्तार करीब 2500 किलोमीटर प्रतिघंटा है. ये विमान सिंगल सीटर और डबल इंजन वाला है. मल्टीरोल तो है ही. साथ ही अटैक के साथ डिफेंस भी कर सकता है. ये विमान 10 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है. सबसे बड़ी बात यह है कि ये विमान भारतीय वायुसेना की जरूरतों के हिसाब से तैयार हो रहा है. इसमें 11 हार्ड प्वाइंट बने हैं यानी 11 तरह के हथियार इसमें लगाए जा सकते हैं. इसमें ज्यादातर वेपन अंदर होते हैं, जो बाहर से दिखाई नहीं देते. एमका की पहली उड़ान 2028 में होने की उम्मीद है. सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो 2034 में भारत का अपना पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना में शामिल हो जाएगा.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस निर्णय का उद्देश्य भारत की स्वदेशी विशेषज्ञता, क्षमता और संसाधनों का उपयोग करते हुए पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट एमका के प्रोटोटाइप का विकास करना है, जो देश की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा. एमका एक पांचवीं पीढ़ी का अत्याधुनिक लड़ाकू विमान होगा, जिसमें स्टील्थ तकनीक, सुपीरियर एवियोनिक्स, और अत्याधुनिक हथियार प्रणाली शामिल होंगी.
यह परियोजना भारत को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी. एडीए और उद्योग जगत के बीच यह सहयोग मॉडल रक्षा उत्पादन में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देगा. इससे नई तकनीकों का विकास, रोजगार के अवसर और अनुसंधान एवं विकास को बल मिलेगा. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, एमका परियोजना न केवल भारतीय वायुसेना की शक्ति को बढ़ाएगी, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी मजबूत आधार प्रदान करेगी.
यह निर्णय भारत के एयरोस्पेस क्षेत्र में दीर्घकालिक रणनीतिक स्वावलंबन की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है. विदेशी व आधुनिकतम लड़ाकू विमानों के बीच भारत की स्वदेशी लड़ाकू विमान परियोजना, एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एमका) सुर्खियां बटोर रही है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहले ही कह चुके हैं कि भारत, एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट को लेकर प्रण कर चुका है कि इसे बनाकर तैयार करना है.
वहीं डीआरडीओ का कहना है कि ‘एमका' विमान तैयार होने पर यह अपनी श्रेणी के अन्य आधुनिक और घातक फाइटर जेट में से एक होगा. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई की पावर से युक्त इलेक्ट्रॉनिक पायलट, नेटसेंट्रिक वारफेयर सिस्टम, इंटीग्रेटेड व्हीकल हेल्थ मैनेजमेंट और इंटरनल-बे के साथ यह दुश्मन के लिए बेहद घातक साबित होगा.
एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एमका) परियोजना के निदेशक कृष्ण राजेंद्र नीलि के मुताबिक, एमका भारत की सबसे महत्वाकांक्षी फाइटर जेट परियोजना है. यह 5वीं पीढ़ी का फाइटर जेट होगा, जिसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (रक्षा मंत्रालय) द्वारा बनाया जा रहा है। इस फाइटर जेट के आने वाले वर्षों में भारतीय वायु सेना में शामिल होने की उम्मीद है.
गौरतलब है कि भारत द्वारा तेजस एक हल्का लड़ाकू विमान भी बनाया गया है, लेकिन ‘एमका' बेहद एडवांस्ड व 5वीं पीढ़ी का डबल इंजन लड़ाकू विमान होगा. इसमें एआई-पावर इलेक्ट्रॉनिक मल्टी सेंसर डाटा फ्यूजन है ताकि आसपास की स्थिति पर पूरी तरह नजर रखी जा सके. इसकी मदद से विमान में मौजूद पायलट तुरंत कार्रवाई भी कर सकेगा. साथ ही, सटीक टारगेट लगाने में भी यह मददगार होगा. इसकी एक खासियत यह भी होगी कि यह बेहद कम विजिबिलिटी में ऑपरेशन को अंजाम दे सकेगा. एयरो-इंडिया 2025 प्रदर्शनी में इसके फुल-स्केल मॉडल को प्रदर्शित किया गया था. इसी मॉडल को ही असली ‘एमका' में परिवर्तित किया जा रहा है. एमका का डिजाइन तैयार करने वाली एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) का कहना है कि अगले एक दशक यानी 2035-36 तक यह स्वदेशी फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट बनकर तैयार हो जाएगा.