विद्युत विभाग की लापरवाही बनी मौत का आमंत्रण, पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर क्षेत्र में जर्जर तारों से बढ़ा खतरा

Update: 2025-05-24 11:20 GMT


नई सट्टी से रेलवे स्टेशन तक हर पल मंडरा रहा हादसे का साया

रिपोर्ट: मोहम्मद अफजल, डीडीयू नगर

चंदौली: जनपद चंदौली के पीडीडीयू नगर में विद्युत विभाग की घोर लापरवाही अब लोगों की जान पर बन आई है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय नग़र क्षेत्र में वर्षों पुराने बिजली के जर्जर तार आज भी लकड़ी के सेपरेटरों के सहारे झूल रहे हैं। स्थिति इतनी गंभीर है कि यह तार किसी भी क्षण टूटकर सड़क पर गिर सकते हैं और जानलेवा हादसे को अंजाम दे सकते हैं।

स्थानीय नागरिकों की मानें तो यह समस्या कोई नई नहीं है। नई सट्टी से लेकर रेलवे स्टेशन तक सैकड़ों मीटर तक फैले इन तारों की हालत बद से बदतर हो चुकी है। कई स्थानों पर तार जमीन से महज कुछ फीट ऊपर लटक रहे हैं, जिससे राहगीरों, दोपहिया और चारपहिया वाहनों को रोजाना खतरे से गुजरना पड़ता है।रेलवे स्टेशन के समीप तो स्थिति और भी चिंताजनक है। यह क्षेत्र नगर के सबसे व्यस्तम इलाकों में से एक है, जहाँ दिनभर भारी ट्रैफिक और राहगीरों की आवाजाही बनी रहती है। ऐसे में जर्जर तारों का गिरना किसी बड़े हादसे का कारण बन सकता है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि ये तार और खंभे दशकों पुराने हैं। विभाग द्वारा इन्हें कभी बदला नहीं गया, बल्कि बार-बार टूटने पर इन्हें लकड़ी के वूडेन सेपरेटरों से अस्थायी रूप से जोड़कर बिजली आपूर्ति चालू रखी जाती रही है। यह अस्थायी व्यवस्था अब पूरी तरह जोखिम भरी बन चुकी है। शिकायतों के बावजूद विद्युत विभाग की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। न ही तार बदले गए हैं और न ही ट्रैफिक वाले क्षेत्रों में सुरक्षा के अतिरिक्त उपाय किए गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसा प्रतीत होता है मानो विभाग किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है, तभी चेतेगा।

क्षेत्रीय नागरिकों और व्यापारियों ने प्रशासन और विद्युत विभाग से मांग की है कि इस समस्या को तत्काल प्राथमिकता पर लेते हुए जर्जर तारों और खंभों को बदला जाए। साथ ही भीड़भाड़ वाले इलाकों में भूमिगत बिजली आपूर्ति जैसी स्थायी व्यवस्था पर विचार किया जाए।विद्युत आपूर्ति जनता की मूलभूत जरूरतों में शामिल है, लेकिन जब वही आपूर्ति अव्यवस्था के कारण जानलेवा बन जाए, तो यह प्रशासन की गंभीर असफलता मानी जाती है। अगर समय रहते जरूरी कदम नहीं उठाए गए, तो यह लापरवाही किसी बड़ी त्रासदी का कारण बन सकती है।

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