मेजर आशीष दहिया शौर्य चक्र से सम्मानित, पुलवामा में बन गए थे आतंकियों का काल, पढ़ें बहादुरी की कहानी

Update: 2025-05-22 13:40 GMT

मेजर आशीष दहिया को गुरुवार के दिन राष्ट्रपति भवन में शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। उन्हें यह पुरस्कार मिलने की घोषणा गणतंत्र दिवस के मौके पर ही हो गई थी। अब राष्ट्रपति ने उन्हें सम्मानित किया। जून 2022 से, मेजर आशीष दहिया ने पांच उच्च जोखिम वाले अभियानों में चार कट्टर आतंकवादियों और तीन इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस को बेअसर करने में योगदान दिया है। दो जून 2024 को, मेजर दहिया ने पुलवामा जिले के एक गांव में सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध अभियान का नेतृत्व किया था।


 

आंतकियों के खिलाफ अभियान में तलाश के दौरान, आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी और ग्रेनेड फेंक कर भागने का प्रयास किया, जिस पर मेजर दहिया ने सटीक जवाब दिया और भाग रहे आतंकवादी को गंभीर रूप से घायल कर दिया। भीषण गोलीबारी के बीच, आतंकवादी ने एक ग्रेनेड फेंका, जिससे उनके ऑपरेशन साथी को छर्रे लग गए। मेजर दहिया ने अपनी जान की परवाह किए बिना तुरंत रेंगकर अपने साथी को ढक लिया।

साथी की जान बचाने के लिए खुद को खतरे में डाला

अपने साथी को ढंकने के बाद, अपने सैनिकों के लिए खतरे को भांपते हुए, मेजर दहिया ने बेजोड़ फील्ड क्राफ्ट का प्रदर्शन किया और शुरुआती खतरे को खत्म करने के बाद, उन्होंने खुद को आतंकवादियों की गोलीबारी के सामने खुद को और ज्यादा खतरे में डाला और अपने घायल साथी को सुरक्षित निकालने में मदद की, जिससे उसकी जान बच गई। निडर साहस, लोगों और मिशन के प्रति निस्वार्थ प्रतिबद्धता, साहसिक योजना और एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन के निर्भीक निष्पादन के लिए, मेजर आशीष दहिया को "शौर्य चक्र" पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

भाई-पत्नी और पिता भी सेना से जुड़े

आशीष दहिया का परिवार हमेशा से ही देशसेवा में लीन रहा है। उनके पिता आर्मी में लांस नायक थे। उनके भाई अनीश भी सेना में मेजर के पद पर हैं। वहीं, आशीष की पत्नी अनुषा भी भारतीय सेना का हिस्सा हैं। आशीष मूल रूप से हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले हैं। उनको यह सम्मान मिलने से गांव में खुशी का माहौल है।

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