एक किसान बना फरिश्ता: घायल युवक को मिला नया जीवन, मानवता हुई शर्मिंदा व्यवस्था पर भारी

Update: 2025-05-21 05:03 GMT


विशेष रिपोर्ट:ओ पी श्रीवास्तव, चंदौली

चंदौली/धीना:चंदौली जिले के धीना थाना क्षेत्र में बीती रात मानवता का ऐसा उदाहरण देखने को मिला, जिसने न केवल एक घायल युवक की जान बचाई, बल्कि यह भी दिखाया कि एक संवेदनशील नागरिक कैसे पूरे सिस्टम को झकझोर सकता है।

सोमवार की रात पिपरदाहां रेलवे क्रॉसिंग के पास एक दर्दनाक हादसा हुआ। मुंगेर निवासी 30 वर्षीय युवक अभिषेक, जो गुजरात में नौकरी के लिए जा रहा था, ट्रेन की भीड़ के कारण गेट पर बैठा हुआ था। नींद लगने से वह चलती ट्रेन से नीचे गिर गया। गहरी रात, सन्नाटा और पटरी किनारे घायल पड़ा युवक दर्द से कराह रहा था, लेकिन मदद को कोई नहीं था।

उसी समय, गांव के किसान अखिलेश यादव मूंग की सिंचाई के लिए खेत में पहुंचे। कराहने की आवाज सुनकर जब वे पटरी की ओर दौड़े, तो देखा कि एक युवक खून से लथपथ बेहोशी की हालत में पड़ा है। बिना एक पल गंवाए, अखिलेश ने घायल युवक को कंधे पर उठाया और सड़क तक लाए।

उन्होंने तुरंत 108 एम्बुलेंस को फोन किया, परंतु एम्बुलेंस कर्मियों ने पुलिस की लिखित अनुमति के बिना घायल को अस्पताल ले जाने से इनकार कर दिया। प्रशासन की बेरुखी के बावजूद किसान ने हार नहीं मानी। पहले जिला चिकित्सा अधिकारी, फिर थाना प्रभारी और अंत में पुलिस कप्तान चंदौली को सूचना दी। कप्तान के निर्देश पर धीना पुलिस मौके पर पहुंची और घायल को जिला अस्पताल पहुंचाया गया।स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अभिषेक को वाराणसी ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया, जहां मंगलवार सुबह उसे होश आया। उसकी आंखें नम थीं, लेकिन होंठों पर बस एक ही नाम था – "किसान भैया"।

डॉ. युगल किशोर राय, जिला चिकित्सा अधिकारी ने स्वयं किसान अखिलेश यादव को फोन कर उनकी सराहना की और उन्हें प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि किसान का नाम शासन को सम्मान के लिए भेजा गया है।यह घटना यह साबित करती है कि सिस्टम भले ही सुस्त हो, पर इंसानियत आज भी जिंदा है – और उसका सबसे सच्चा चेहरा है एक किसान।

Similar News