लोहारा, रौना, शहजौर सहित कई गांवों में जेसीबी से अवैध खनन जारी, पर्यावरण व भूगर्भीय संतुलन पर संकट गहराया
ओ पी श्रीवास्तव, चंदौली
चंदौली (मुगलसराय): खबर जनपद चंदौली से है जहां मुगलसराय थाना क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में इन दिनों अवैध मिट्टी खनन ने विकराल रूप ले लिया है। लोहारा, रौना और शहजौर जैसे गांवों में खनन माफिया रात के अंधेरे का फायदा उठाकर खुलेआम जेसीबी मशीनों से मिट्टी की खुदाई कर रहे हैं। प्रशासन द्वारा की जा रही छिटपुट कार्रवाई इनके हौसले पस्त करने में नाकाम साबित हो रही है।
बता दें कि डीडीयू नगर के एसडीम और खनन अधिकारी की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए एक जेसीबी मशीन जब्त की। लेकिन इसके बावजूद अवैध खनन पर विराम नहीं लग सका। ग्रामीणों के अनुसार, माफिया रात में जब क्षेत्र पूरी तरह शांत होता है, उसी दौरान बड़े पैमाने पर खुदाई कर मिट्टी ट्रैक्टर-ट्रॉली से बाहर भेज देते हैं। यह गतिविधि केवल मुगलसराय तक सीमित नहीं, बल्कि अलीनगर थाना क्षेत्र के कई गांवों में भी सक्रिय रूप से चल रही है।
लोगों का कहना है कि इस प्रकार की अनियमित खुदाई से भूगर्भीय असंतुलन पैदा हो सकता है। मिट्टी की अत्यधिक खुदाई से क्षेत्र की उपजाऊ जमीन बंजर हो रही है, जिससे कृषि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इसके अलावा, मिट्टी की परतों के हटने से जलस्तर में गिरावट और भू-स्खलन की आशंका भी बनी रहती है।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि उन्होंने कई बार प्रशासन से शिकायत की, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी। ग्रामीणों का आरोप है कि खनन माफियाओं को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, जिसकी वजह से ये बेलगाम हैं। गाँवों के पास की जमीनों में बने गड्ढे अब हादसों का सबब बन रहे हैं।
प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा है कि यदि यही स्थिति रही तो आने वाले वर्षों में पर्यावरणीय संकट और भी गहराएगा। प्रशासन को चाहिए कि वह नियमित निरीक्षण करे, ड्रोन कैमरों का उपयोग करे और दोषियों के विरुद्ध FIR दर्ज कर उन्हें जेल भेजे।यदि प्रशासन समय रहते इस पर सख्त नियंत्रण नहीं करता, तो यह अवैध खनन न केवल पर्यावरणीय संकट में इजाफा करेगा, बल्कि क्षेत्र की स्थिरता, खेती और जल सुरक्षा को भी गहरे खतरे में डाल सकता है।