रामलला प्राण प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ अयोध्या में श्रद्धा, परंपरा और राष्ट्रभाव का भव्य उत्सव
रिपोर्ट : विजय तिवारी
अयोध्या।
पावन नगरी अयोध्या में आज 31 दिसंबर को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ पूरे श्रद्धा, विधि-विधान और भव्य आयोजनों के साथ मनाई जा रही है। मंदिर परिसर से लेकर संपूर्ण रामनगरी तक भक्तिमय वातावरण बना हुआ है। देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालु रामलला के दर्शन-पूजन में सहभागी बन रहे हैं, वहीं देर रात तक दर्शन का क्रम जारी रहने की संभावना जताई जा रही है।
27 दिसंबर से चल रहे धार्मिक अनुष्ठान
राम मंदिर ट्रस्ट के अनुसार प्रतिष्ठा द्वादशी से जुड़े धार्मिक कार्यक्रम 27 दिसंबर से प्रारंभ हो चुके हैं। इन अनुष्ठानों में वैदिक मंत्रोच्चार, विशेष पूजा-अर्चना, हवन और यज्ञ शामिल हैं। यह धार्मिक क्रम 2 जनवरी 2026 तक चलेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार आज पौष शुक्ल द्वादशी होने के कारण इसी दिन मुख्य आयोजन रखा गया है।
वैदिक परंपरा के अनुरूप मुख्य आयोजन
आज मंदिर परिसर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ का मुख्य धार्मिक आयोजन वैदिक विधि-विधान के साथ संपन्न हो रहा है। आचार्यों और संतों के सान्निध्य में मंत्रोच्चार, हवन-यज्ञ और विशेष पूजन किया गया। इन अनुष्ठानों का संचालन जगद्गुरु माधवाचार्य के मार्गदर्शन में किया जा रहा है।
गर्भगृह, परिक्रमा पथ और मंदिर परिसर को फूलों, दीपों और पारंपरिक सजावट से भव्य रूप दिया गया है, जिससे संपूर्ण वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा और दिव्यता से परिपूर्ण दिखाई दे रहा है।
राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति
मुख्य समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए, जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कार्यक्रम में मौजूद रहे। दोनों नेताओं ने रामलला के दर्शन-पूजन कर देश और प्रदेश की सुख-समृद्धि, शांति और कल्याण की कामना की। मुख्यमंत्री ने आयोजन व्यवस्थाओं, श्रद्धालुओं की सुविधा और दर्शन व्यवस्था का भी अवलोकन किया।
मां अन्नपूर्णा मंदिर में ध्वजारोहण
प्रतिष्ठा द्वादशी के पावन अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राम जन्मभूमि परिसर स्थित मां अन्नपूर्णा मंदिर में विधिवत ध्वजारोहण किया। इसके पश्चात उन्होंने मंदिर परिसर में चल रहे धार्मिक अनुष्ठानों में सहभागिता कर संत-आचार्यों से संवाद भी किया।
अंगद टीला से श्रद्धालुओं को संबोधन
कार्यक्रम के दौरान राम मंदिर के निकास द्वार के समीप स्थित अंगद टीला से रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने राम मंदिर आंदोलन के ऐतिहासिक महत्व, भारतीय सांस्कृतिक विरासत, सामाजिक समरसता और राष्ट्रचेतना पर विस्तार से विचार रखे। इस दौरान पूरा परिसर “जय श्रीराम” के जयघोष से गूंज उठा।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़, सुरक्षा के व्यापक इंतजाम
प्राण प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ और नए वर्ष के आगमन को देखते हुए अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन और राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के कड़े इंतजाम किए गए हैं। मंदिर परिसर, प्रमुख मार्गों, रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर अतिरिक्त पुलिस बल, स्वयंसेवक और चिकित्सा टीमें तैनात हैं। यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए भी विशेष प्रबंध किए गए हैं।
आस्था और संस्कृति का जीवंत उत्सव
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ अयोध्या में केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था, सनातन परंपरा और राष्ट्रीय गौरव का जीवंत उत्सव बनकर सामने आई है। इस ऐतिहासिक अवसर ने पूरी रामनगरी को भक्ति, उल्लास और सांस्कृतिक चेतना से सराबोर कर दिया है।