लखनऊ — कफ सिरप मामले पर बड़ा खुलासा, ड्रग माफिया पर निर्णायक कार्रवाई तेज़

Update: 2025-12-08 13:14 GMT

रिपोर्ट : विजय तिवारी

उत्तर प्रदेश में नशीले कोडीन आधारित कफ़ सिरप की अवैध तस्करी और बिक्री के खिलाफ राज्य-व्यापी अभियान तेज़ है। सोमवार को लखनऊ में PS होम संजय प्रसाद, DGP राजीव कृष्ण और PS औषधि रोशन जैकब ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अब तक हुई कार्रवाई का विस्तृत अपडेट साझा किया।

अधिकारियों ने बताया कि यह सिर्फ दवाइयों की गलत बिक्री का मामला नहीं, बल्कि एक संगठित ड्रग सिंडिकेट है, जिसकी जड़ें कई राज्यों और पड़ोसी देशों तक फैली हुई हैं।

राज्य-व्यापी अभियान — 128 FIR दर्ज, 32 आरोपी गिरफ्तार

DGP राजीव कृष्ण ने बताया कि नशीले कफ़ सिरप की अवैध सप्लाई और काला बाज़ार करने वाले गिरोहों पर बड़ी कार्रवाई की गई है।

अब तक प्रदेश भर में 128 FIR दर्ज की गई हैं और 32 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।

अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि इस रैकेट से जुड़े 5 प्रमुख स्टॉकिस्टों में से 3 को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है।

ट्रकों में बड़ी खेप पकड़ाई

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया गया कि -

सोनभद्र में एक ट्रक भर कर ले जाए जा रहे अवैध कफ सिरप को पकड़ा गया,

गाज़ियाबाद में 4 ट्रक सिरप का बड़ा स्टॉक बरामद हुआ,

गिरफ्तार आरोपी सोनभद्र, रांची, गाज़ियाबाद से जुड़े हैं।

जांच में पाया गया है कि कफ़ सिरप की बड़े पैमाने पर आपूर्ति बंगाल, बिहार, झारखंड सहित कई राज्यों में की जाती थी और तस्करी के नेटवर्क के नेपाल व बांग्लादेश तक फैलने की सूचना मिली है।

कौन-कौन गिरफ्तार अधिकारियों के अनुसार -

सौरभ त्यागी, भोला जायसवाल, विभोर राणा को गिरफ्तार किया गया है, जिनसे पूछताछ के दौरान कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं।

40 जिलों में थोक विक्रेताओं की जांच -

औषधि विभाग की प्रमुख रोशन जैकब ने बताया कि

40 जिलों में कफ-सिरप के थोक विक्रेता, स्टॉक प्वाइंट और वितरण नेटवर्क की गहन जांच चल रही है।

कई लाइसेंसों के निलंबन व रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की गई है, और संदिग्ध फर्मों के खातों व कारोबार की भी वित्तीय जांच की जा रही है।

अवैध कमाई और फर्जी स्टॉकिस्टों की भूमिका

PS होम संजय प्रसाद ने बताया कि जांच में सामने आया है कि सामान्य दवा के नाम पर कफ-सिरप को नशीले पदार्थ की तरह बेचा जा रहा था।

कुछ स्टॉकिस्ट भारी मुनाफा कमाने के लिए इसे फर्जी बिलिंग अवैध ट्रांसपोर्टेशन -

नकली फर्मों के माध्यम से

काले बाज़ार में उतार रहे थे।

DGP का स्पष्ट संदेश

“प्रदेश में ड्रग माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी है। किसी भी कीमत पर युवा पीढ़ी को नशे की चपेट में जाने नहीं दिया जाएगा। जांच हर स्तर पर होगी, कोई बच नहीं पाएगा।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि

“मध्यप्रदेश के सिरप का इस मामले से कनेक्शन नहीं पाया गया है। जांच तथ्यों पर आधारित है और इसे बिना दबाव चलाया जा रहा है।”

अभियान का उद्देश्य -

राज्य में नशीली दवाओं की अवैध आपूर्ति को समाप्त करना

युवाओं को नशे के प्रभाव से बचाना

संगठित अपराध के नेटवर्क को जड़ से खत्म करना

अगला कदम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सप्लाई चैन की पहचान -

आर्थिक लेन-देन व बैंक खातों की जांच और गिरफ्तारियाँ संभावित

यह मामला सामान्य दवा या मेडिकल रिटेल का नहीं, बल्कि बहुस्तरीय ड्रग तस्करी, फर्जी फर्मों व अवैध आर्थिक तंत्र से जुड़ा एक बड़ा नेटवर्क है, जिस पर सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने निर्णायक प्रहार शुरू कर दिया है।

Similar News