सोनभद्र में बड़ा खनन हादसा : गहरी खदान धंसने से मजदूर की मौत, कई लापता; बचाव कार्य जारी
डेस्क रिपोर्ट : विजय तिवारी
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के बिल्ली मारकुंडी-ओबरा खनन क्षेत्र में शनिवार दोपहर लगभग 3 बजे एक निजी पत्थर खदान धंसने की भयावह घटना सामने आई। ड्रिलिंग के दौरान बड़े पैमाने पर पत्थर और मलबा खदान में नीचे गिर गया, जिससे कम-से-कम एक मजदूर की मौत की पुष्टि हुई है। वहीं मलबे में कई अन्य मजदूरों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, जिन मशीनों से ड्रिलिंग चल रही थी उनमें नौ कंप्रेशर मशीनें थीं तथा प्रत्येक मशीन पर लगभग दो-दो मजदूर काम कर रहे थे। इस प्रकार लगभग 18 मजदूर कार्यरत बताए जा रहे हैं, जिनमें से एक की मौत हुई है और लगभग 15 के दबे होने का अंदेशा है। खदान मालिक व भागीदार घटना के बाद मौके से फरार हो गए हैं।
घटना स्थल पर तुरंत जिला प्रशासन, पुलिस तथा खनन एवं फायर ब्रिगेड की टीम पहुँची। खदान अत्यधिक गहरी होने तथा लगातार पत्थरों के खिसकने के कारण बचाव कार्य कठिन हो गया है। शाम जैसे ही अँधेरा बढ़ा, मलवे में दबे लोगों की तलाश में और देरी होने लगी। अभियानों के लिए आसपास के औद्योगिक प्रतिष्ठानों से भी सहायता मांगी गई है।
एक मजदूर बचकर निकले हैं जिन्होंने बताया कि उनके दो सगे भाई मलबे में दबे हैं। गांव के अन्य मजदूर भी बताते हैं कि खड़री टोला व पनारी ग्राम पंचायत के दर्जनों निवासी उस खदान में काम करने आए थे, जिनका अभी तक कोई सुराग नहीं मिल सका। मौके पर चीख-पुकार का माहौल है तथा पुलिस ध्वनि विस्तारक यंत्र से शांत रहने व बचाव दल का सहयोग करने की अपील कर रही है।
जिलाधिकारी ने घटनास्थल का निरीक्षण करते हुए कहा है कि अभी तक मलबा हटने व दबे हुए लोगों की संख्या सम्बन्धी सटीक पता नहीं चल पाया है। उन्होंने आगे कहा है कि “खदान 2026 तक वैध थी, पर दुर्घटना के कारणों की तुरंत जांच कराई जाएगी।”
खनन विभाग ने बताया है कि खदान की गहराई व अँधेरे की स्थिति को देखते हुए रेस्क्यू अभियान रातभर जारी रखा जाएगा। बचाव-उपकरण व हैंड रिस्क्यू मशीनरी की कमी को सबसे बड़ी चुनौती बताया गया है।
इस दुर्घटना ने खदान सुरक्षा, ड्रिलिंग नियमों के पालन तथा खनन-स्वीकृति प्रक्रिया पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं। मजदूर-परिवारों की चिंता और गहरा रही है कि कितने अन्य अभी भी मलबे के नीचे दबे हैं तथा कब तक उनका पता चल पाएगा। प्रशासन ने सभी संबंधित एजेंसियों को फुल फ्लैग मोड पर काम शुरू करने के निर्देश दे दिए हैं।