स्वानंद बाबा आश्रम का नवरात्रौत्सव : भक्ति के साथ पारदर्शिता और सामाजिक एकता का संदेश
रिपोर्ट - विजय तिवारी
ठाणे। येऊर स्थित प. पू. स्वानंद बाबा सेवा न्यास के तत्वावधान में नवरात्रौत्सव श्रद्धा और उल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। आश्रम में आयोजित इस विशेष अवसर पर हवन, संगीतमय भजन संध्या और महाभंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु और गणमान्यजन उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन से हुई। इसके उपरांत आयोजित भजन संध्या में भजनों की सुरमयी प्रस्तुति ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। संध्या होते-होते आश्रम परिसर भक्तिमय उत्साह से गूंज उठा। कार्यक्रम के अंत में विशाल महाभंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर नवरात्रि की दिव्यता और मंगलमयी अनुभूति पाई।
इस आयोजन का मुख्य आकर्षण वरिष्ठ आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली का वक्तव्य रहा। उन्होंने कहा कि “स्वानंद बाबा आश्रम का नवरात्रौत्सव केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह सामाजिक पारदर्शिता और एकता का प्रतीक भी है। यहां भक्ति के साथ सेवा और जिम्मेदारी का संदेश मिलता है। जिस प्रकार धर्म में आस्था और पारदर्शिता आवश्यक है, उसी प्रकार समाज और शासन में भी पारदर्शिता अनिवार्य है। ऐसे आयोजन समाज को जोड़ने और सही दिशा देने का कार्य करते हैं।”
इस मौके पर अनेक प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति ने आयोजन की गरिमा को और बढ़ा दिया। इनमें पंडित दुर्गाप्रसाद पाठक, शांति शुक्ला, पूर्व उप महापौर अरुण देव, फिल्मसिटी के पूर्व कार्याध्यक्ष अमरजीत मिश्र, सिद्धिविनायक मंदिर के ट्रस्टी आचार्य पवन त्रिपाठी, मुंबई भाजपा प्रवक्ता उदय प्रताप सिंह, वरिष्ठ पत्रकार सय्यद सलमान, श्री नारायण तिवारी, अभय मिश्रा, आनंद मिश्रा, अखिलेश मिश्र, सूर्यप्रकाश मिश्र, विजय कौशिक, आदित्य दुबे, सुनील सिंह, वीरेंद्र मिश्रा, मुनीर अहमद मोमिन, सुरेन्द्र उपाध्याय, शिवसागर तिवारी, अजय शुक्ला, राजेश विक्रांत, नागेन्द्र शुक्ला, पुष्पराज मिश्रा, परवेज खान, सुरेंद्र यादव, रोहित तिवारी, शिवसागर मिश्रा, सरताज़ मेहंदी, विपेंद्र पाठक और गामा मिश्र सहित अनेक गणमान्यजन शामिल रहे।
आचार्य पवन त्रिपाठी ने कहा कि “नवरात्रि शक्ति की उपासना का पर्व है और स्वानंद बाबा आश्रम में यह आयोजन समाज को एकता और भक्ति का संदेश देता है।”
वहीं मुंबई भाजपा प्रवक्ता उदय प्रताप सिंह ने इसे “भक्ति, सौहार्द और सांस्कृतिक समन्वय का अद्भुत उदाहरण” बताया।
श्रद्धालुओं ने भी अनुभव साझा करते हुए कहा कि स्वानंद बाबा आश्रम का वातावरण हर वर्ष नवरात्रि में दिव्य ऊर्जा से भर उठता है, जो लोगों को आध्यात्मिक शक्ति और सामाजिक सद्भाव दोनों का अनुभव कराता है।