अमरेली एयरपोर्ट पर ट्रेनिंग विमान रनवे से फिसला, पायलट सुरक्षित, जांच शुरू
रिपोर्ट : विजय तिवारी
गुजरात के अमरेली एयरपोर्ट पर रविवार दोपहर फ्लाइंग ट्रेनिंग के दौरान एक बड़ा विमान हादसा टल गया।
लैंडिंग अभ्यास के तहत उड़ान भरा एक सिंगल-सीटर ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट रनवे पर संतुलन खो बैठा और फिसलकर किनारे कच्ची जमीन पर जा रुका। विमान में मौजूद प्रशिक्षु पायलट पूरी तरह सुरक्षित है और किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। विमान को मध्यम स्तर का नुकसान हुआ है, पर घटना की गंभीरता को देखते हुए इसे बड़ी राहत माना जा रहा है।
कैसे हुआ हादसा -
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, विमान नियमित प्रशिक्षण उड़ान पर था और लैंडिंग प्रक्रिया के दौरान टच-डाउन के तुरंत बाद नियंत्रण में असंतुलन पैदा हो गया। संतुलन बिगड़ते ही विमान रनवे छोड़कर अनपेव्ड क्षेत्र की ओर खिंच गया, जहां घास और ढीली मिट्टी पर घिसटते हुए रुक गया।
एयरपोर्ट ग्राउंड-स्टाफ और सुरक्षा टीम पहले ही अलर्ट मोड में थी और घटना होते ही तत्काल आपातकालीन प्रक्रिया लागू हुई। विमान को सुरक्षित स्थिति में लाकर हेंगर की ओर शिफ्ट कर दिया गया।
घटना की सूचना मिलते ही एयरपोर्ट प्रशासन, तकनीकी टीम और सुरक्षा अधिकारी मौके पर पहुंचे और क्षेत्र को तत्काल एहतियाती तौर पर सील कर दिया गया।
DGCA और तकनीकी टीम जांच में जुटी -
नागरिक उड्डयन नियामक द्वारा स्थापित सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुसार इस घटना की विस्तृत तकनीकी जांच शुरू कर दी गई है।
जांच में निम्न पहलुओं की समीक्षा की जाएगी।
विमान की तकनीकी स्थिति और मेंटेनेंस रिकॉर्ड
रनवे सतह की स्थिति और साइड-एरिया की क्वालिटी
टच-डाउन के दौरान पायलट-रिस्पांस और प्रशिक्षण प्रक्रियाएँ।
हवा की दिशा/गति या मौसम के प्रभाव
पहियों या ब्रेक-सिस्टम में संभावित समस्या -
अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल किसी इंजन-फेलियर या बड़ी तकनीकी खराबी की पुष्टि नहीं हुई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही घटना के कारणों पर निर्णायक जानकारी सार्वजनिक की जाएगी।
स्थानीय स्तर पर सुरक्षा पर उठे सवाल -
अमरेली एयरपोर्ट पर इससे पहले भी प्रशिक्षण उड़ानों के दौरान हादसा हो चुका है।
इसी वर्ष अप्रैल में हुए एक बड़े दुर्घटना में ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया था, जिसमें एक प्रशिक्षु पायलट की मौत हो गई थी।
उस हादसे के बाद ही सुरक्षा-मानकों,रनवे- इंफ्रास्ट्रक्चर और निजी एविएशन प्रशिक्षण व्यवस्थाओं में सुधार की मांग उठी थी। रविवार का यह नया हादसा उस बहस को फिर से तेज कर रहा है।
स्थानीय विमानन विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट हल्के और संवेदनशील होते हैं, और छोटे एयरफील्ड्स पर उड़ान भरते समय अतिरिक्त सतर्कता अत्यावश्यक है। रनवे के साइड-एरिया की गुणवत्ता भी सुरक्षा का प्रमुख तत्व है।
भविष्य में सुधार के सुझाव -
रनवे किनारों की सतह को मजबूत व व्यवस्थित बनाया जाए।
प्रशिक्षण फ्लाइट्स की निगरानी और सुरक्षा-प्रोटोकॉल और कठोर किए जाएँ।
तकनीकी निरीक्षण / मेंटेनेंस चेक की आवृत्ति बढ़ाई जाए।
ग्राउंड-सेफ्टी और इमरजेंसी-रिस्पॉन्स सिस्टम अपग्रेड किए जाएँ।
छोटे एयरफील्ड्स पर सुरक्षा-इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए निवेश और समीक्षा बढ़े
अमरेली एयरपोर्ट पर रविवार को हुआ यह हादसा भले ही जनहानि के बिना टल गया, लेकिन इसने एक बार फिर ट्रेनिंग एविएशन सेक्टर की संवेदनशीलता और सुरक्षा व्यवस्था की अनिवार्यता को सामने ला दिया है।
जांच पूरी होने के बाद दोष निर्धारण और सुधारात्मक निर्णय की उम्मीद की जा रही है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और पायलट-प्रशिक्षण सुरक्षित और भरोसेमंद हो।