एसी में सोने और तरह-तरह के पकवान खाने वाले अय्याश बाबा चैतन्यानंद की तिहाड़ जेल में कैसी बीती पहली रात?
अपने आश्रम को अय्याशी का अड्डा बनाने वाला चैतन्यानंद सरस्वती न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल पहुंच चुका है. उस पर आश्रम में रहने वाली मासूम लड़कियों के साथ गंदे काम करने और जमीन हड़पने आदि के मामले चल रहे हैं. जेल में पहुंचकर डर्टी बाबा को नींद नहीं आई. उसके चेहरे की रंगत उड़ चुकी थी. एसी कमरे में सोने और तरह-तरह के पकवान खाने के आदि इस डर्टी बाबा को जेल मैन्यूअल पसंद नहीं आ रहा. उसने अपने वकील के जरिए पूरी कोशिश की जेल में भी उसे ऐशो-आराम मिल जाए.
तिहाड़ में कैसी कटी रात
अदालत में सुनवाई के दौरान बाबा के वकील ने शुक्रवार को न्यायिक हिरासत में कपड़े, दवाइयां, किताबें और संन्यासी खाने की मांग की है. इस याचिका पर अदालत आज सुनवाई करेगी. मगर शुक्रवार की रात उसकी जेल में कटी. स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती तिहाड़ के 4 नंबर जेल में बंद है. कल उसकी पुलिस रिमांड खत्म हुई थी, इसके बाद उसे तिहाड़ जेल भेज दिया गया. बाबा को तिहाड़ के जेल नंबर 4 के मुलायजा वार्ड में रखा गया है. ये वो वार्ड है, जहां फर्स्ट टाइमर आरोपी रखे जाते हैं. इस जेल में हर तरह के अपराधी बंद हैं. सूत्रों के मुताबिक, कल बाबा शाम के वक्त जेल पहुंचा, जिसके बाद उसे जेल मैन्युअल के हिसाब से रात का खाना दिया गया, लेकिन बाबा को जेल का खाना पसंद नहीं आया. जेल सूत्रों के मुताबिक, ऐशो-आराम की जिंदगी जीने वाले बाबा की रात बहुत कष्ट वाली बीती. रात में बाबा सही से सो नहीं सका और रात में कई बार वो उठ-उठ कर बैठ जाता था. बाबा जब पुलिस कस्टडी में था तो उस समय बाबा पुलिस से फल की डिमांड करता था, लेकिन जेल में आने के बाद अब बाबा को जेल मैन्यूअल का पालन करना पड़ेगा.
कैसे करता था गंदे काम
चैतन्यानंद के दुबई में संबंध हैं. लोग वहां से अक्सर आश्रम में आते थे. आश्रम में रहने वाली हर छात्रा को इंटर्नशिप या फिर नौकरी के लिए दुबई भेजने का सपना दिखाया जाता था. बाबा लड़कियों को खास तवज्जो देता था. उनको अपने झांसे में लेने के लिए संस्थान में विशेष अधिकार देता था. इस काम में उसकी तीन करीबी महिलाएं साथ देती थीं. ये तीनों उसकी राजदार थीं और लड़कियों को बाबा के करीब लाने और गंदे काम करने के लिए तैयार करती थीं.
इन तीनों सहयोगियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इनमें श्री शारदा इंस्टीट्यूट की श्वेता शर्मा (एसोसिएट डीन), भावना कपिल (एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर) और काजल (सीनियर फैकल्टी) शामिल हैं. इन तीनों ने इस बात को स्वीकार किया है कि चैतन्यानंद के कहने पर ही वो छात्राओं पर दबाव बनाती थीं. इन तीनों पर अपराध में बाबा का सहयोग करने, शिकायतकर्ताओं को धमकाने और सबूत नष्ट करने के आरोप हैं. पुलिस ने संस्थान की तीन वार्डनों के बयान दर्ज किए हैं, जिन पर चैतन्यानंद की मदद करने और आपत्तिजनक संदेशों को डिलीट करने का आरोप है. लगभग 50 छात्राओं के फोन से बरामद वॉट्सऐप चैट से 16 सालों तक चले यौन शोषण के सबूत मिले हैं, जिनमें अश्लील संदेश और जबरन शारीरिक संपर्क की घटनाएं शामिल हैं.