छोड़नी नहीं चाहिए।
कभी भी जो उम्मीद।।
जिंदगी में तो आयेंगे।
उतार चढ़ाव निश्चित।।
विषम पिस्थितियों में भी।
रहना होगा तैयार।।
मंजिल मिलेगी जरूर।
बस हारना मत यार।।
उम्मीद पर टिकी है दुनिया।
यह तो जग विदित।।
अंधेरा भी छट जायेगा।
होगा उजाला यही रीत।।
निराशा के कूप अंधेरे में।
एक रौशनी दिखाई देती है।।
उम्मीद रूपी किरण की लौ।
मंजिल तक पहुंचा देती है।।
अभय सिंह। .......