वाराणसी : मुस्लिम महिलाओं ने 'वी सपोर्ट सीएए व एनआरसी' लिखे पतंगों को हवा में उड़ाया
वाराणसी. मकर संक्रांति के अवसर पर धर्म नगरी वाराणसी में गंगा-जमुनी तहजीब की मिशाल देखने को मिली. काशी में मुस्लिम लड़कियों ने हिन्दू युवकों के साथ मिलकर पतंगबाजी का लुत्फ उठाया. इस पतंगबाजी की ख़ास बात ये थी कि इसमें नागरिकता संशोधन कानून (CAA) व एनआरसी (NRC) का समर्थन किया गया.
हाथों में मांझा लेकर मुस्लिम महिलाओं ने 'वी सपोर्ट सीएए व एनआरसी' लिखे पतंगों को हवा में उड़ाया. पतंग उड़ाने में उनकी मदद हिन्दू लड़के कर रहे थे. जैसे ही पतंगों को हवा दी गई वैसे आसमान में सीएए लिखी पतंगें लहराने लगीं. पूरी कवायद सिर्फ इसलिए थे कि आवाम को यह बताया जाए कि सीएए भारतीय नागरिकों के की नागरिकता लेने वाला नहीं है. साथ ही अफवाहों से आपसी भाईचारा ख़राब न हो.
काशी विद्यापीठ और बीएचयू के हैं छात्र
आसमान में एकता की पतंग उड़ाने वाले ये छात्र काशी विद्यापीठ और बीएचयू के हैं. सीएए को लेकर अफवाहों को खत्म कर एकता बनाये रखने की इनकी ये अपील उन्हें सद्बुद्धि जरूर दे रही है जो इसके नाम पर सियासत कर रहे हैं.
एकता का संदेश देने की कोशिश
एक मुस्लिम छात्रा इक्रा अनवर ने बताया कि मकर संक्रांति के पावन अवसर पर सीएए और एनआरसी के सपोर्ट में पतंग उड़ा रहा है. उन्होंने कहा कि दोनों ही देश के भले के लिए है. इसलिए हमारी कोशिश है कि यह सन्देश सभी के पास पहुंचे. एक अन्य छात्र शिवम ने बताया की भारत गंगा-जमुनी तहजीब के लिए जाना जाता है. इसी क्रम में हम हिन्दू-मुस्लिम मिलकर पूरे देश को एकता का सन्देश देना चाह रहे हैं. शिवम ने बताया कि आज कुछ लोग दोनों समुदायों को बांटने की कोशिश कर रहा है. हमारी पतंगें इन लोगों को ये संदेश देंगी कि आज भी हम एक हैं.