पी चिदंबरम को झटका HC ने जमानत याचिका खारिज की, मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया, अस्पताल में भर्ती की नहीं है जरूरत
आईएनएक्स मीडिया केस में पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम को झटका लगा है। पी चिदंबरम की स्वास्थ्य कारणों से मांगी गई जमानत अर्जी को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। दरअसल, चिदंबरम ने प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत को चुनौती देते हुए अंतरिम जमानत के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। पी चिदंबरम ने स्वास्थ्य के आधार पर जमानत मांगी थी, जिस पर गुरुवार को हाई कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड का गठन किया था। मेडिकल बोर्ड ने दिल्ली हाई कोर्ट के सामने अपनी रिपोर्ट पेश की।
रिपोर्ट के मुताबिक, चिदंबरम को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है। इस पर कोर्ट ने कहा कि जेल में ही डॉक्टर चिदंबरम का रेगुलर चेकअप करें। साथ ही मिनरल वाटर पीने को दिया जाए। मच्छरों से बचाने के लिए उन्हें लोशन दिया जाए। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट के सामने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट रखी, जिसमें कहा गया है कि पी चिदंबरम को स्वच्छ वातावरण देने की जरूरत है। एडमिट करने की जरूरत नहीं है।
तुषार मेहता ने कहा कि उनको मिनरल वाटर दिया जाए, घर का बना खाना पहले से दिया जा ही रहा है। मच्छर से बचाव के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल किया जाएगा। दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पी चिदंबरम की न्यायिक हिरासत में नियमित स्वास्थ्य की जांच हो, उनका ब्लड प्रेशर आदि चेक किया जाए.पी चिदंबरम का मच्छरों से बचाव किया जाए। जेल में जिस जगह उनको रखा जा रहा है वहां दो बार दिन में साफ सफाई की जाए।
कोर्ट ने चिदंबरम की ये मांग खारिज कर दी कि उनको अलग सेल में रखा जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने चितम्बरम के मामले में जेल अथॉरिटी को आदेश देते हुए कहा कि इनको मिनरल वाटर, दिन मे दो बार सफाई, प्रदूषण को देखते हुए मास्क आदि सुविधा मुहैया कराए।
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के डायरेक्टर को यह निर्देश दिया था कि मेडिकल बोर्ड का गठन करे ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि क्या तिहाड़ जेल में बंद कांग्रेस नेता को अस्पताल में शिफ्ट करने की जरूरत है। इसी पर फैसला दिया गया।