छह साल की मासूम के दुष्कर्मी को मात्र 10 दिन में मिली आजीवन कारावास की सजा

Update: 2019-10-17 01:12 GMT

रायबरेली,  घर में घुसकर छह साल की बच्ची से दुष्कर्म करने वाले शख्स को महज दस कार्यदिवस में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पॉक्सो की स्पेशल कोर्ट के जज ने बुधवार को फैसला सुनाया और उस पर 22 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया। इस केस की चार्जशीट भी पांच दिन में दाखिल कर दी गई थी।

ये संगीन मामला हरचंदपुर क्षेत्र से जुड़ा है। अड़ोबर निवासी राममिलन लोध उर्फ पुल्ली ने पड़ोस के गांव की एक बच्ची को उसके घर पर दबोच लिया था। फिर अमानवीयता की। 17 सितंबर को प्रकरण थाने पहुंचा, पहले छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज हुआ। प्रारंभिक जांच में दुष्कर्म की पुष्टि होने पर धारा बढ़ाई गई। 19 सितंबर को पुल्ली को जेल भेजा गया। साक्ष्य संकलित करके 23 सितंबर को चार्जशीट दाखिल की गई। विवेचक महराजगंज सीओ विनीत स‍िंह ने इस केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने की गुजारिश की। जिस पर पॉक्सो की स्पेशल कोर्ट में मुकदमा चला। महज दस कार्यदिवस में आठ गवाह पेश हुए और जज विजय पाल ने पुल्ली को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 22 हजार का अर्थदंड लगाया गया है। वसूली होने पर 12 हजार रुपये पीडि़त बच्ची को दिया जाएगा।

महराजगंज के क्षेत्राधिकारी विनीत सिंह ने बताया कि मासूम बच्ची के साथ अमानवीयता हुई। हमारी कोशिश थी कि अभियुक्त को जल्द से जल्द सजा मिले। उसकी गिरफ्तारी हमने मुकदमा दर्ज करने के बाद कर ली थी। उसे सजा मिली है। इससे पीडि़त परिवार के कुछ जख्म तो भरेंगे।

ये है घटनाक्रम

16 सितंबर को घर में घुसकर बच्ची से दुष्कर्म किया गया

17 सितंबर को मामला थाने पहुंचा और मुकदमा दर्ज हुआ

मामला एससीएसटी से जुड़ा होने के कारण 18 सितंबर को विवेचना सीओ को मिली

19 सितंबर को अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया गया

23 सितंबर को आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिए गए

24 सितंबर को पॉक्सो की स्पेशल कोर्ट में सुनवाई शुरू

10 कार्यदिवस में आया फैसला, 15 अक्टूबर को सुनाई गई उम्रकैद की सजा

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