शरद पूर्णिमा पर बलरामपुर गार्डन में शुरू हुआ सामुहिक हनुमान चालीसा

Update: 2019-10-13 10:33 GMT

लखनऊ, । शरदपूर्णिमा के तहत राजधानी के बलरामपुर गार्डन में शुरू हुआ सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ। 108 बार संगीतमय हनुमान चालीसा पाठ हो रहा है। शरद पूर्णिमा के तहत आयोजित भक्ति मय आयोजन में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा। वहीं इस अवसर पर भंडारे का भी आयोजन किया जा रहा है जो शाम 7 बजे खत्‍म होगा।

शरद पूर्णिमा का महत्‍व

शरद पूर्णिमा में सनातन और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। इस दिन चांदनी में अमृत की बारिश होती है। सनातन धर्म के अनुसार आश्विन माह के शुक्लपक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। आचार्य पं.शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि कि शरद पूर्णिमा को कोजागर पूर्णिमा, रास पूर्णिमा, कौमुदी व्रत के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में इसका खास महत्व है। कहते हैं इस दिन चंद्रमा की किरणों में अमृत समा जाता है। चंद्रोदय रविवार को शाम 5:26 बजे होगा। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक मां लक्ष्मी का जन्म इसी दिन हुआ था। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु चार माह के शयनकाल का अंतिम चरण होता है। पूर्णिमा 13 अक्टूबर को रात्रि 12:36 बजे लगेगी और 14 अक्टूबर को रात्रि 2:38 बजे समाप्त होगी। मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्यागिरि के सानिध्य में मनकामेश्वर उपवन घाट पर आरती होगी। खदरा के शिव मंदिर घाट पर धनंजय द्विवेदी के संयोजन में आरती के साथ खीर का वितरण किया जाएगा। झूलेलाल घाट पर भी आरती होगी। पंडित राकेश पांडेय ने बताया कि शरद पूर्णिमा रविवार को है।

उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र रात्रि 8:30 बजे के बाद मिल रहा है। रात्रि काल के प्रथम प्रहर में खुले आकाश में भगवान श्री कृष्ण का आह्वान और पूजन करना चाहिए। गाय के दूध में मेवा मेवा डालकर खीर बनाएं और भगवान को भोग लगाएं। धर्म शास्त्र के अनुसार उस अमृत रूपी प्रसाद को ग्रहण करने वाला व्यक्ति सदा चिरंजीवी होता है। इसके साथ ही बंगाली समाज की ओर से पंडाल स्थलों पर कोजागरी लक्ष्मी पूजन होगा।

बलरामपुर गार्डन में हनुमान चालीसा पाठ

शरद पूर्णिमा के दिन शाम को बलरामपुर गार्डन में संगीतमय हनुमान चालीसा पाठ होगा। जेबी चेरीटेबल ट्रस्ट के सुनील गोम्बर के संयोजन में होने वाले भक्तिमय आयोजन में 108 बार पाठ किया जाएगा। सुबह नौ बजे शाम सात बजे तक चलने वाले पाठ का शरद पूर्णिमा की रात्रि में अमृत वर्षा के योग के समय समापन होगा।

Similar News