झुकी कमर और दर्द संग आई बूढ़ी मां, बोलीं साहब-हमाई समस्या सुनि लेओ; अफसर बोले मैं हूं ना...
बाह/आगरा। समाधान दिवस पर अफसरों ने शिकायतें सुनीं, आश्वासन दिया और निर्देश भी। समय खत्म हो चुका था और बड़े अधिकारी जा चुके थे। तभी 80 साल की अम्मा अपना दर्द लेकर पहुंचीं। अम्मा का दर्द देखा तो तहसीलदार के कदम ठिठक गए। साथ में जमीन पर बैठे और दर्द पर प्यार के बोल का मरहम लगाया। भरोसा दिलाया अम्मा मैं हूं ना, आप पूरी बात बताओ।
तहसीलदार ने न केवल पीड़ा ध्यान से सुनी बल्कि तत्काल समाधान करने का आदेश दिया। अम्मा दुआओं के साथ घर को लौट गईं। पारना, चित्राहाट की रहने वाली 80 वर्षीय बिटोला देवी अपने बेटे शिशुपाल संग हांफते हुए पहुंची थीं। चला नहीं जा रहा था, इसलिए तहसील के पास जमीन पर ही बैठ गईं।
हाथ जोड़कर बोलीं, साहब-हमाई समस्या सुनि लेओ
वहां से गुजर रहे तहसीलदार संपूर्ण कुलश्रेष्ठ से हाथ जोड़कर बोलीं, साहब-हमाई समस्या सुनि लेओ। बताया कि उनकी पुश्तैनी कृषि भूमि पर दूसरे पक्ष ने कब्जा कर लिया है। वह जमीन से छोड़ नहीं रहा। उन्हें भी वहां नहीं जाने देता। काफी समय से शिकायत कर रहे हैं लेकिन न्याय नहीं मिल रहा। यह सुन तहसीलदार बुजुर्ग महिला के पास ही जमीन पर बैठ गए। उन्हें पानी पिलवाया, बिस्कुट खिलाए फिर पूरी बात सुनी और संबंधित लेखपाल को तलब किया।
दोनों पक्षाें को तलब करने के दिए आदेश
प्रकरण की जानकारी के बाद उन्होंने दोनों पक्षों को मंगलवार को तलब करने के आदेश दिए। बुजुर्ग महिला से भी सभी दस्तावेज लेकर आने को कहा। तहसीलदार ने कहा, अम्मा-परेशान मत हो। दस्तावेज और दिखा दीजिए। दूसरे पक्ष से भी वार्ता कर लेने दीजिए। यदि शिकायत सही निकली तो समाधान जरूर होगा। तहसीलदार का तसल्ली से जमीन पर बैठकर पीड़िता की सुनवाई करना आसपास मौजूद लोगों के दिल को छू गया।