लखनऊ बार एसोसिएशन चुनाव में गड़बड़ी: मतगणना टली

Update: 2019-10-12 09:48 GMT

लखनऊ, । लखनऊ बार एसोसिएशन के 22 पदों पर 84 प्रत्याशियों के मतदान में गड़बड़ी मामले में शनिवार को बैठक हुई। सुबह नौ बजे होने वाली मतगणना से पहले आरोप के सम्बन्ध में एल्डर कमेटी के चेयरमैन अधिवक्ता गोपाल नारायण मिश्रा की मौजूदगी में बार एसोसिएशन की बैठक में प्रत्याशियों ने की रिपोलिंग कराने की मांग की। वहीं, एल्डर कमेटी के चेयरमैन अधिवक्ता गोपाल नरायण मिश्रा ने कहा कि 21अक्टूबर को हाईकोर्ट की डेट है। उसमें वह न्यायालय के समक्ष सारी बात रखेंगे। आगे की स्थिति पर न्यायालय निर्णय लेंगा।

बता दें, 22 पदों पर चुनाव लडऩे वाले 84 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला शुक्रवार शाम पांच बजे के बाद पेटियों में बंद हो गया। कड़ी सुरक्षा में शांति पूर्वक मतदान हुआ। लैकपैड चेयरमैन वीरेंद्र तिवारी, पूर्व एमएलसी अरविंद त्रिपाठी, पूर्व मंत्री शारदा प्रताप शुक्ला एवं विधायक अम्बरीश पुष्कर, भाजपा नेता शिवभूषण सिंह, आरएलडी के प्रवक्ता अनिल दुबे, लविवि के पूर्व अध्यक्ष बजरंगी सिंह व आशीष सिंह आशू समेत अन्य मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

वहीं, शुक्रवार देर शाम कुछ अधिवक्ताओं ने फर्जी मतदान का आरोप लगाकर हंगामा शुरू कर दिया। अधिवक्ताओं के दो गुटों में धक्का-मुक्की और बवाल हुआ। बवाल के दौरान महामंत्री प्रत्याशी अधिवक्ता सुजीत शुक्ला और अधिवक्ता सुमित मिश्रा ने बताया कि बायोमैट्रिक में करीब 3438 मतदाताओं की उपस्थिति दर्ज दिख रही है। जबकि बैलेट गिनती में 3879 वोट बताए जा रहे हैं। इससे 441 वोटों का अंतर दिख रहा है। बवाल बढ़ता देख एएसपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी समेत जिला प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हें समझा-बुझाकर शांत किया। अधिवक्ता सुजीत शुक्ला ने पुन: मतदान कराए जाने की मांग की है।

कलेट्रेट परिसर के आसपास तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। वहीं, कुछ अधिवक्ताओं का कहना था कि बायोमैट्रिक में कुछ मतदाताओं के फिंगर प्रिंट कई बार पंच करने पर भी नहीं आ रहे थे, इसलिए आइडी के आधार फोटो मिलान कर उन्हें मतदान की अनुमति दी गई थी। जिसके कारण मतदान की संख्या में अंतर आया है।  

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