बिलारी। रुस्तमनगर सहसपुर स्थित राजमहल में चल रही रामलीला में सीता हरण का मंचन हुआ। रावण सीता का हरण कर उन्हें अशोक वाटिका में ले गया। भगवान राम सीता की तलाश करते हुए वन को गए तो वहां जटायु मिला।जटायु और राम के बीच संवाद हुआ।
श्री रामलीला में रावण ने मारीच को सोने का हिरन बना कर भेजा तब सीता ने सोने का हिरण देखा। इसके बाद सीता ने सोने के हिरन की खाल की जिद कर ली और भगवान राम को हिरण के पीछे भेज दिया। सोने का हिरण भगवान राम को छकाता रहा । इस बीच भगवान राम ने एक तीर चलाया। मारीच के तीर लगने के बाद उसने राम की आवाज से लक्ष्मण लक्ष्मण पुकारना शुरू कर दिया। इसके बाद सीता को लगा कि राम किसी खतरे में है। लिहाजा उन्होंने लक्ष्मण को भेजा। लक्ष्मण ने जाते समय कुटिया के सामने लक्ष्मण रेखा खीचीं।लेकिन रावण भिखारी का भेष धरकर सीता की कुटिया में पहुंचा। जहां उसने भीख मांगी और लक्ष्मण रेखा से बाहर निकलने को कहा। सीता जैसे ही लक्ष्मण रेखा से बाहर निकली।वैसे ही रावण ने सीता का हरण कर लिया। जिसकी जानकारी भगवान राम को लौटने के बाद हुई। इस दौरान रावण का जटायु से आमना सामना हुआ।जटायु घायल होकर गिर गया। भगवान राम का जटायु से संवाद हुआ। तब उसने सीता का हरण रावण द्वारा करना बताया। रामलीला में भारी तादाद में श्रद्धालु रामलीला का मंचन देखने के लिए पहुंचे । देर रात तक भीड़ रामलीला मंचन देखने के लिए जुटी रही। रामलीला में संजू गुप्ता ,साकिर मलिक, जगत नारायण शर्मा ,ग्राम प्रधान कल्याण सिंह, डॉ बीरबल आदि सहित अनेकों ने सहयोग दिया।
. रिपोर्ट वारिस पाशा जनता की आवाज से बिलारी मुरादाबाद