मुरादाबाद बिलारी..प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना की कार्यदाई संस्था ने हटाए अपने आधा दर्जन से अधिक कर्मचारी इन पर लग रहा था भ्रष्टाचार का आरोप जन आक्रोश शांत करने के लिए उठाया गया कदम नागरिक एकता परिषद कर रही है जन आंदोलन की तैयारी बिलारी। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के अंतर्गत जिला विकास अभिकरण डूडा मुरादाबाद द्वारा पोषित ठेकेदार ने जनाक्रोश को देखते हुए अपने अधिकांश कर्मचारियों को बिलारी सर्किल से हटा दिया है। शहरी आवास योजना में डूडा द्वारा जिस ठेकेदार को गरीबों का चयन और आवास से लाभान्वित कराए जाने के लिए चुना है, उस पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग रहे हैं। लोगों का यहां तक कहना है कि अपात्र लोगों के आवास होते हुए भी प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना की ढाई लाख रुपए की राशि मोटी रकम लेकर आहरित कर दी गई है। नागरिक एकता परिषद संबंध एन ए पी एम दिल्ली ने नगर के शहरी आवास योजना में वंचित पात्र लोगों को आवास दिलाए जाने हेतु समाज सेवा का बीड़ा उठाया है। नागरिक एकता परिषद के अध्यक्ष प्रेम कुमार का कहना है कि वह नगर के सभी 25 वार्डों में घूम घूम कर शहरी आवास योजना से वंचित पात्र लोगों की सूची तैयार कर रहे हैं। इस सूची को संबंधित अधिकारियों को प्रेषित किया जाएगा। नागरिक एकता परिषद के महामंत्री मोहम्मद आसिफ कमल एडवोकेट ने बताया कि शहरी आवास योजना में व्यापक घोटाले हैं। यह ऐसा मामला है जिसमें शहरी आवास योजना का लाभ उठाने वाला अपात्र व्यक्ति कार्यदाई संस्था के कर्मचारियों के बीच कुछ कथित दलालों के माध्यम से सांठगांठ हुई है। कौन कहेगा कि किसने किससे रिश्वत में कितनी रकम ली है। किसी जांच में भी लेन-देन की राशि का पर्दाफाश करना बहुत मुश्किल है। बताते हैं कि यह घोटाला लाखों में नहीं करोड़ के आसपास का है। इसका प्रमाण गरीब और बेसहारा लोग हैं। पिछले 2 वर्षों से प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के क्रियान्वयन में प्राइवेट संस्था लगी है। इसमें आवेदन करने का कोई प्रावधान नहीं है। प्राइवेट संस्था के लोग घर-घर गली गली कूचे में घूम कर पात्र लोगों की तलाश कर रहे हैं। लगभग 2 वर्ष के इनके कार्यकाल में इन्हें वार्ड नंबर एक और वार्ड नंबर 19 के वह गरीब दिखाई नहीं दिए जिनके मकानों पर छत भी नहीं है।पन्नी डालकर गुजारा कर रहे हैं। बाल्मीकि समाज में आधा दर्जन से अधिक विधवा महिला हैं। जिनको रहने का ठिकाना नहीं है। छत टपक रही है। मकान गिराऊ हालत में है। 2 परिवार ऐसे हैं जिनके मां बाप भी नहीं है। यतीम बच्चों के टूटे-फूटे घर भी इन्हें दिखाई नहीं दिए। इन गरीबों का खुलासा नागरिक एकता परिषद द्वारा घर-घर जनसंपर्क अभियान चलाए जाने से हुआ है। इसके लिए जन आंदोलन की भूमिका तैयार की जा रही है। जिससे ठेके पर काम कर रही संस्था मे खलबली मची है। डूडा के अधिकारियों का भी दबाव बन रहा है। इन दोनों को लग रहा है कि शहरी आवास योजना में हुए व्यापक घोटाले का पर्दाफाश हो सकता है। इसलिए आनन-फानन में कार्यदाई संस्था ने अपने आधा दर्जन से अधिक कर्मचारियों को यहां से हटा दिया है। जिससे कि जन आक्रोश ठंडा पड़ जाए। जिसके कारण नगर के कथित दलालों में भी हड़कंप मचा है।बताया जाता है कि यह लोग काफी लोगों का पैसा शहरी आवास योजना का लाभ दिलाने के लिए कथित दलालों के माध्यम से ले चुके है। अभी तक दोनों के बीच कोई सामंजस्य नहीं बना है। मोबाइल से संपर्क बना हुआ है।प्राइवेट संस्था के कर्मचारी आश्वासन दे रहे हैं जो भी टीम यहां आएगी उससे काम करा कर दिया जाएगा। जबकि कथित दलाल अभी इस बात से आश्वस्त नहीं हो रहे हैं। अब उन्हें उन लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ सकता है जिन लोगों से शहरी आवास योजना का लाभ दिलाने के लिए मोटी मोटी रकम ठेकेदार के कारणों को दिलाई है।नगर में मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।