प्रदेश के सरकारी अस्पताल : संवेदनहीनता पराकाष्ठा पार कर चुके है कहीं गेट पर तो कहीं सीढ़ी पर हुई डिलीवरी
उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पताल में कर्मचारियों की संवेदनहीनता पराकाष्ठा पार कर चुकी है। मानवता का मंदिर माने जाने वाले अस्पताल कर्मियों की करनी से कलंकित हुए। गर्भवती को भर्ती करने की जगह लापरवाह कर्मियों ने उन्हें भगा दिया। नतीजा रहा गोंडा जिला अस्पताल की सीढ़ियों पर तो सीतापुर में स्वास्थ्य केंद्र के गेट पर प्रसव हो गया। अस्पताल के दर पर मानवता दर-ब-दर नजर आई। हालांकि, इसके बाद स्वास्थ्य कर्मियों के हाथ-पैर फूल गए और आनन-फानन प्रसूताओं को भर्ती किया।
सीढ़ियों पर दिया बच्चे को जन्म
जिला महिला अस्पताल में रात डेढ़ बजे डिलीवरी के लिए अस्पताल पहुंची एक गर्भवती को अस्पताल से भगा दिया गया। सारी रात पीड़िता और उसके परिवारजन अस्पताल की सीढ़ियों पर बैठे रहे। पीड़िता प्रसव पीड़ा से कराहती रही लेकिन, जिम्मेदार नहीं पसीजे। गुरुवार की भोर में महिला ने अस्पताल की सीढ़ियों पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। वहीं सीतापुर में भी एक ऐसे ही मामले में गर्भवती को भर्ती नहीं किया गया। जहां महिला ने अस्पताल के गेट पर बच्चे को जन्म दे दिया।
वजीरगंज ब्लॉक के खिरिया गांव की रहने वाली सोनी को बुधवार को प्रसव पीड़ा के चलते सीएचसी वजीरगंज मे भर्ती कराया गया था। देर रात हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने जिला महिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। परिवारजन महिला को लेकर रात करीब 1.30 बजे महिला अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर और नर्स से मरीज को भर्ती करने की गुज़ारिश की। बेड खाली न होने का हवाला देकर उसे भर्ती करने से मना कर दिया गया। परिवारजन ने जब बिगड़ती हालत का वास्ता दिया तो डॉक्टरों व नर्स ने उन्हें दुत्कार कर भगा दिया। सुबह सीढ़ियों पर प्रसव होने की जानकारी मिलने पर वार्ड में भर्ती कराया।
परिवारजन ने डॉक्टर और नर्स पर भर्ती करने व डिलीवरी के नाम पर रुपये मांगने का आरोप लगाया है। सीएमएस डॉ. एपी मिश्र का कहना है कि महिला के पेट में बच्चा टेढ़ा था। उसके पास कोई जांच रिपोर्ट नहीं थी, इसलिए उसे प्रसव पूर्व कक्ष में बैठाया गया। भोर में वह शौच के लिए अस्पताल की दूसरी मंजिल पर चली गई। वहां से लौटे समय सीढ़ियों पर ही प्रसव हो गया। हालांकि, आरोपों की जांच कराई जाएगी।
अस्पताल से लौटते समय हुई डिलीवरी
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिधौली में डिलीवरी को पहुंची महिला को लेबर रूम में तैनात स्टॉफ ने भर्ती नहीं किया। पूर्व में स्वास्थ्य परीक्षण न कराने पर नाराजगी जाहिर करते हुए स्वास्थ्य केंद्र से भगा दिया। महिला ने गेट पर ही बच्चे को जन्म दे दिया।
अटरिया क्षेत्र के बनौगा गांव की गर्भवती सुधा (22) पत्नी रामजीवन को गुरुवार सुबह अस्पताल स्टॉफ की डांट से हताश परिजन वापस घर ले जा रहे थे तभी अस्पताल गेट पर उसकी डिलीवरी हो गई। बाद में सीएचसी स्टॉफ अपनी गलती छिपाने के लिए उसे भर्ती कर लिया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक डॉ. आरसी चौधरी का कहना है कि डिलीवरी से संबंधित स्टॉफ से स्पष्टीकरण मांगा गया है। घटना की जांच कर दोषी स्वास्थ्य कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।