वसंत पंचमी स्नान के लिए कुंभनगर में उमड़ा आस्था का सैलाब

Update: 2019-02-10 05:56 GMT

प्रयागराज,  । कुंभ के अंतिम शाही स्नान पर्व वसंत पंचमी के लिए प्रयागराज की सड़कों पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। अंतिम शाही स्नान वसंत पंचमी पर करीब तीन करोड़ श्रद्धालु जुटने की उम्मीद है। आज सुबह ही बड़ी संख्या में लोगों ने कुंभ में डुबकी लगा ली है। भीड़ के मद्देनजर एहतियाती तौर पर मेला प्रशासन की तैयारी चुस्त दुरुस्त दिखी। प्रशासन दस फरवरी को करोड़ों में भीड़ उमडऩे का अनुमान लगाकर तैयारी की है। हालांकि एक दिन पहले से ही श्रद्धालु डेरा जमा चुके हैं। सुरक्षा के प्रबंध भी सख्त है। हालांकि कल सुबह करीब नौ बजे से पंचमी तिथि लगने के बाद पर्व महात्म्य शुरू हो गया था लेकिन आज उदया तिथि के कारण भारी भीड़ उमड़ी है।

अतिरिक्त फोर्स तैनात कर अलर्ट घोषित

एक दिन पहले से ही मेले में वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित हैं। सभी प्रवेश मार्गों पर अतिरिक्त फोर्स तैनात कर अलर्ट घोषित कर दिया गया है। मंडलायुक्त आशीष कुमार गोयल, एडीजी एसएन साबत, डीएम प्रयागराज सुहास एलवाई, कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद, डीआइजी कुंभ केपी सिंह आदि पुलिस और प्रशासनिक अफसरों तथा विभिन्न विभागों के साथ बैठक कर सारी तैयारी पहले से ही कर रखी है। अफसर मेले के प्रवेश मार्गों, पांटून पुलों, संगम तथा गंगा के अन्य स्नान घाटों की सतत निगरानी कर रहे हैं। कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद और डीआइजी कुंभ केपी सिंह ने बताया कि रविवार तक तीन करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। मेले में रविवार को कुंभ मेला प्रशासन की ओर से जारी पास पर ही मीडिया कर्मियों को वाहन समेत प्रवेश दिया गया।

सभी का ध्येय संगम स्नान

वसंत पंचमी पर स्नानार्थियों के आने का सिलसिला जल, थल और नभ से आने वालों के लिए बने स्टेशनों पर जारी है। सभी का ध्येय संगम स्नान ही है। कुंभ मेला प्रशासन इस बाबत सभी तैयारियां कर कमर कसे हैं। स्नान के लिए तीन करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। छह किलोमीटर की परिधि में 40 स्नान घाट बनाए गए है। चार लाख वाहनों के लिए 95 पार्किंग की व्यवस्था है। नौ प्रवेश मार्गों से कुंभ मेले में श्रद्धालु गुजर रहे हैं। 500 शटल बसें शहर में सतत संचालित हैं।

वसंत पंचमी पर अक्षयवट दर्शन नहीं

वसंत पंचमी पर स्नानार्थियों की भीड़ को देखते अक्षयवट दर्शन के लिए नहीं खुला। प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने शनिवार, रविवार और सोमवार को अक्षयवट दर्शन बंद रखने का निर्णय ले रखा है। 12 फरवरी से तय समय के मुताबिक किला स्थित मूल अक्षयवट के दर्शन श्रद्धालु कर सकेंगे। फिलहाल आज अक्षयवट दर्शन के इच्छुक लोग मायूस दिखे। 

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