सीएम योगी के करीबी नेता का भाजपा में वेलकम बैक, इस वजह से पार्टी से निकाले गए थे यशवंत

Update: 2024-04-30 01:24 GMT

मऊ। भाजपा ने सोमवार को एमएलसी यशवंत सिंह का निष्कासन रद्द कर दिया है। इसके लिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी की ओर से पत्र जारी किया गया। यशवंत सिंह पहले सपा में थे।

2017 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर वह भगवा खेमे में आ गए। भाजपा ने भी उन्हें तत्काल एमएलसी भी बना दिया था। सब ठीक चल रहा था कि स्थानीय निकाय के विधान परिषद चुनाव में भाजपा ने आजमगढ़-मऊ स्थानीय निकाय क्षेत्र से अरुण कांत यादव को प्रत्याशी बनाया, जिसे उनके पुत्र विक्रांत सिंह उर्फ रीशु ने स्वीकार नहीं किया। वह निर्दल चुनाव लड़े और जीते।

2022 में निकाले गए थे यशवंत सिंह

प्रदेश भाजपा ने इसे लेकर 2022 में विधान परिषद सदस्य यशवंत सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। यशवंत सिंह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी माने जाते हैं। इस बार घोसी लोकसभा सीट से एनडीए प्रत्याशी और सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर चुनाव मैदान में हैं।


यशवंत सिंह ने भाजपा नेतृत्व व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भरोसा जताते हुए कहा कि हमेशा पार्टी हित में कार्य किया। निकाले जाने के बाद भी कभी पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं हुआ। यही वजह रही कि शीर्ष नेतृत्व ने निष्कासन खत्म करते हुए फिर मौका दिया है। उन्होंने कहा कि एनडीए प्रत्याशी अरविंद राजभर के समर्थन में मैदान में उतरेंगे।

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