अनुसूचित जाति के महेंद्रानंद बने पहले जगदगुरु, कैलाशानंद बनाए गए महामंडलेश्वर

Update: 2024-04-30 01:31 GMT

 प्रयागराज : मतांतरण रोकने, सनातन धर्म का प्रभाव बढ़ाने के उद्देश्य से जूना अखाड़ा ने अनुसूचित जाति के महामंडलेश्वर महेंद्रानंद गिरि को जगदगुरु की उपाधि प्रदान की है। ये अनुसूचित जाति के पहले जगदगुरु हैं। वहीं, महेंद्रानंद के शिष्य कैलाशानंद गिरि को महामंडलेश्वर व राम गिरि को श्रीमहंत की उपाधि प्रदान की गई। ये दोनों महात्मा भी अनुसूचित जाति के हैं।

जूना अखाड़ा के सिद्ध बाबा मौज गिरि आश्रम में मंत्रोच्चार के बीच सबका अभिषेक हुआ। काशी सुमेरु पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती, जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि, श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर जूना अखाडा अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि, महामंडलेश्वर डा. वैभव गिरि ने उपाधि पाने वाले महात्माओं को माला पहनाया। महेंद्रानंद व कैलाशानंद को सिंहासन पर आसीन करके छत्र-चंवर भेंट किया गया।

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