लखनऊ : विभूतिखंड गोमती नगर में आवंटी की मौत के एक साल बाद उसी के नाम से भूखंड की रजिस्ट्री के मामले में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की समधन अम्बी बिष्ट भी घिर गई हैं। एलडीए प्रशासन की जांच में सामने आया है कि अम्बी बिष्ट ने ये रजिस्ट्री बतौर अनुसचिव और संपत्ति अधिकारी की थी। उनके साथ ही उन दो गवाहों की भी भूमिका गड़बड़ है, जिन्होंने इस रजिस्ट्री में गवाही दी थी। एलडीए में अनुभाग अधिकारी विद्या प्रसाद और बाहरी व्यक्ति केशव सिंह गुरुनानी गवाहों में शामिल हैं।
इस प्रकरण में आरोपितों के खिलाफ मुकदमे का आदेश एलडीए उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह ने दिया है।
एलडीए ने करीब 300 वर्ग फीट का एक व्यावसायिक भूखंड विभूतिखंड में अनिल तिवारी के नाम से वर्ष 2008 में आवंटित किया था। इस भूखंड का बाजार भाव वर्तमान में करीब एक से डेढ़ करोड़ रुपये है। इस भूखंड के आवंटी अनिल तिवारी की मृत्यु वर्ष 2010 में हो गई थी, जबकि वर्ष 2011 में एलडीए के रिकार्ड में अनिल तिवारी के नाम से ही रजिस्ट्री की गई। अनिल तिवारी के नाम से आए व्यक्ति की प्राधिकरण ने रजिस्ट्री करवाई और उसी दिन कथित अनिल तिवारी ने एक अन्य व्यक्ति के नाम पर रजिस्ट्री कर दी। मामला कुछ समय पहले जब उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह के संज्ञान में आया तो उन्होंने इस प्रकरण पर रिपोर्ट तलब की। गड़बड़ी सामने आने के बाद उन्होंने व्यावसायिक संपत्ति प्रभारी डीएम कटियार को जांच कराकर गोमती नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया था। अम्बी के खिलाफ दर्ज होगा मुकदमा
मृतक व्यक्ति के नाम रजिस्ट्री के मामले में मुख्य रूप से अम्बी बिष्ट और दो गवाहों को जिम्मेदार माना जा रहा है। एलडीए में अनुभाग अधिकारी विद्या प्रसाद और बाहरी व्यक्ति केशव सिंह गुरुनानी ये वे गवाह हैं, जिन्होंने माना कि जो व्यक्ति रजिस्ट्री करवाने आया था, वह अनिल कुमार तिवारी ही है। इनके अलावा रजिस्ट्री करने वाली तत्कालीन अनुसचिव अम्बी बिष्ट हैं, जिन्होंने ये रजिस्ट्री एलडीए की ओर से की। इस प्लाट के योजना सहायक रामकिशोर श्रीवास्तव, अनुभाग अधिकारी विद्या प्रसाद और रजिस्ट्री का आदेश देने वाले अधिकारी तत्कालीन ओएसडी राहुल सिंह थे। सूत्रों का कहना है कि एलडीए में सक्रिय एक कुख्यात दलाल ने ये पूरा खेल खेला था।
दोनों डीड निरस्त करवाई जाएंगी। इसके लिए पहले मुकदमा करवाना जरूरी है। 2010 में आवंटी की मृत्यु हुई और 2011 में उसी के नाम पर रजिस्ट्री करवा दी गई। मुख्य रूप से दो गवाहों की जिम्मेदारी है। उनके अलावा तत्कालीन अनुसचिव अंबी बिष्ट के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराने के लिए गोमती नगर थाने में तहरीर दी जाएगी।
डीएम कटियार, जांच अधिकारी व संयुक्त सचिव, लविप्रा