इस समस्या का समाधान कोई नहीं कर सकता : सीएम
लखनऊ : मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सांसद अमर सिंह की शिकायत पर कटाक्ष किया है कि वह भी न मिलने की शिकायत करते हैं। अपने सरकारी आवास में पत्रकारों से उन्होंने कहा कि अब सबसे मिलता ही रहूंगा तो काम कब करूंगा।
हाल ही में समाजवादी पार्टी में वापस आकर सांसद बने अमर सिंह ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री से मिल न पाने व बात न कर पाने को लेकर अपना आक्रोश जाहिर किया था। आज मुख्यमंत्री जब पत्रकारों से मिले तो उन्होंने कहा कि न मिलने की शिकायत तो अमरसिंह अंकल को भी है। अब इसका समाधान कोई मुख्यमंत्री नहीं कर सकता। सबसे मिलता रहता तो इतनी तेजी से एक्सप्रेस व मेट्रो निर्माण जैसी सौगातें प्रदेश को कैसे देता।
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे के नामकरण संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि यह एक्सप्रेस वे लखनऊ, कन्नौज, इटावा, मैनपुरी, फीरोजाबाद सहित कई जिलों से होकर जाएगा। इसलिये इसका कोई अन्य नामकरण नहीं होगा। भविष्य में भी इसका नाम बदला नहीं जा सकेगा। राज्य सरकार कंजूसी नहीं करती है। हम बुंदेलखंड का पैकेज बांटने जा रहे थे, तो अफसर आगे ही नहीं बढ़ रहे थे। हमने कहा, जो बंटे अच्छा बंटे और आटा, दाल, सरसों का तेल आदि के साथ उत्कृष्ट सामग्री पैकेज में शामिल कराई। हमारी सरकार का दिल बड़ा है, हम कंजूसी नहीं करते। हमने यश भारती के साथ पेंशन दी, तो पद्म पुरस्कारों के साथ पेंशन देने पर राज्यपाल ने भी सहमति जताई।
पत्रकारों की आवास योजना
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के लिए रियायती दरों पर आवास योजना की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि 15 दिन के भीतर यह योजना लांच कर दी जाएगी। दावा किया कि देश में पहली बार ऐसी योजना लांच हो रही है। ऐसा काम समाजवादी ही कर सकते हैं। यह योजना देश भर के लिए उदाहरण बनेगी।
बाहर रखवाये मोबाइल
मुख्यमंत्री से संवाद के दौरान पत्रकारों के मोबाइल फोन बाहर रखवा लिये गए। फोटोग्राफरों को भी बिना कैमरे के ही भीतर जाने को मिला। ऐसा पहली बार हुआ था, जब पत्रकारों से बातचीत के दौरान मोबाइल व कैमरे नहीं लाने दिये गए हों। हालांकि, मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से वीडियो शूट व स्टिल फोटोग्र्राफी की जा रही थी। वहां मौजूद अफसर भी मोबाइल लिये हुए थे।