पूर्व मंत्री मतेश सोनकर ने छोड़ी हाथी की सवारी, साईकिल में बैठने की तयारी

Update: 2016-08-22 08:38 GMT

बसपा के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज के जिले में भी बसपा को झटका लगना शुरू हो गया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री मतेश सोनकर ने रविवार को बसपा छोड़ने का ऐलान कर दिया। उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती पर रुपये लेकर टिकट बेचने का आरोप लगाया। कहा कि अब इस पार्टी में गरीबों, मजलूमों का सम्मान नहीं रह गया है। इससे कांशीराम व डॉ. अंबेडकर के सपनों को धक्का लग रहा है।

मतेश सोनकर सिराथू विधानसभा से दो बार बसपा के टिकट पर विधायक रह चुके हैं। इन्हें पार्टी में स्वामी प्रसाद मौर्या अपने साथ लाए थे। उस समय बसपा से विधायक रह चुके राम सजीवन का टिकट काटकर मतेश को मैदान में उतारा गया था। दूसरी बार विधायक बनने पर मतेश सोनकर ने सपा का दामन थाम लिया। उस वक्त अंतिम विधायक के रूप में लखनऊ पहुंच कर मतेश ने मुलायम सिंह को गद्दीनशीन कराया था। इसके ईनाम में उन्हें उत्तर प्रदेश बीज निगम का अध्यक्ष बनाकर राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया था। काफी दिनों तक सपा में रहने के बावजूद वह खुद को सपा में समायोजित नहीं कर सके। लिहाजा उन्होंने सपा का साथ छोड़कर बसपा में वापसी की। फिर 2012 में वह सिराथू से विधानसभा का टिकट चाह रहे थे।

2017 विधानसभा चुनाव की तैयारियां सभी पार्टियों ने शुरू कर दी हैं। मतेश भी इस दौड़ में लगे थे। लेकिन पार्टी ने इस बार भी उन्हें ठेंगा दिखा दिया। उनकी जगह इलाहाबाद के प्रॉपर्टी डीलर सईदुर्रब को उम्मीदवार घोषित कर दिया। उसी समय से कयास लगाया जा रहा था कि मतेश अब नए घर की तलाश करेंगे। रविवार को उन्होंने सिराथू स्थित अपने आवास पर प्रेसवार्ता कर बसपा का दामन छोड़ने का ऐलान कर दिया। उनके साथ पूर्व जिला पंचायत सदस्य भानू प्रताप मौर्य, प्रधान जगदीश प्रसाद मौर्य, गौस अहमद, मक्खन लाल सरोज, रिजवान अहमद, दुलारे खां, लल्लू सिद्दीकी, नन्हे मास्टर अंसारी आदि रहे।

Similar News