देश की आजादी के बाद उत्तर प्रदेश में समाजवादी आंदोलन में डॉ लोहिया के सहयोगी बाबू भगवती सिंह ही ऐसे एकलौते व्यक्ति हैं जो 1952 के आम चुनाव से लेकर पिछले विधानसभा चुनाव तक लगातार सोशलिस्ट धारा को बनाये और बचाये रखने में सक्रिय रहे।
राज्यसभा सांसद,विधायक,मंत्री के रूप पिछले पैसठ सालों का बेदाग राजनैतिक और सार्वजनिक जीवन नयी पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी है।राजनीति की फिसलन भरी राहों पर पूरी गरिमा के साथ शिखर पर रहते हुए भी मन,वचन,कर्म से उनका समाजवादी व्यवहार स्थिर बना रहा।सोशलिस्ट धारा में श्री भगवती सिंह जी को उनके ऐतिहासिक योगदान को दृष्टिगत रखते हुए समाजवादी अध्ययन केंद्र की ओर से उत्तर प्रदेश एसेम्बली के स्पीकर/स्वास्थ्य मंत्री रहे श्री माता प्रसाद पांडेय जी के नेतृत्व और वरिष्ठतम पत्रकार, यश भारती विभूषित श्री मधुकर त्रिवेदी जी के हाथों अभिनंदन पत्र और समाजवादी साहित्य प्रदान कर एवं शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
श्री भगवती सिंह ने कहा राजनीति में विचार स्थाई तत्व के रूप में हमेशा बना रहेगा।लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए वैचारिक रूप से मजबूत कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ाने पर उन्होंने विशेष बल दिया।
श्री माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि भगवती सिंह ने समाजवादी धारा से प्रभावित लोगों को हर स्तर पर मदद देने का काम किया था।सदन के अंदर और बाहर उन्होंने कभी भी सिद्धांतों से समझौता नही किया।इस परंपरा में समाजवादी धारा को विचारकेन्द्रित एवं जनभागीदारी का माध्यम बनाने में श्री अखिलेश यादव का प्रयास सराहनीय है।
श्री मधुकर त्रिवेदी ने कहा राजनीति से इतर रचनात्मक और बौद्धिक लोगों का मनोबल बढ़ाने में भगवती बाबू हमेशा आगे रहते थे।
प्रतिनिधिमंडल में समाजवादी अध्ययन केंद्र के संस्थापक यश भारती विभूषित मणेंद्र मिश्रा मशाल,कानपुर के समाजवादी पार्टी नेता डॉ इमरान इद्रीस, लोहिया से अखिलेश अभियान के संयोजक सिद्धार्थ मिश्रा, छात्रसभा के प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल यादव और लखनऊ विश्वविद्यालय के सुधांशु वाजपेयी शामिल थे।