नौकरी के लिए अभ्यर्थियों ने दिया धरना

Update: 2018-02-05 13:47 GMT
लखनऊ : अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन न होने से पिछले दो साल से ग्राम विकास अधिकारी, कनिष्ठ सहायक एवं सहायक लेखाकार की प्रक्रिया रुकी हुई थी, लेकिन गत 22 जनवरी को आयोग के चेयरमैन के आने के बाद भर्ती प्रक्रिया में यह कह कर रोक लगा दी गई कि विजिलेंस जांच के बाद भर्ती प्रक्रिया की जाएगी। इससे परेशान होकर सोमवार को हज़ारों अभ्यर्थियों ने पिकअप भवन पर धरना दिया।
अभ्यर्थियों ने मांग की है कि सरकार ने अपने संकल्प पत्र में 90 दिन में भर्ती प्रक्रिया कराने को कहा था, लेकिन भर्तियों पर रोक लगा दी गयी। अभ्यर्थियों का कहना है कि दो साल बीत जाने के बाद भी अभी तक सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है।
11,000 पदों पर होनी थी भर्तियां
अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा जून 2016 में हो गयी थी। सितंबर में टाइपिंग और शारीरिक परीक्षा एवं दिसंबर में साक्षात्कार भी हो गया। बावजूद इसके 29 मार्च 2017 में रोक लगा दी गयी।
आत्मदाह कर जताएंगे विरोध
अभ्यर्थियों ने कहा कि सरकार की लापरवाही के चलते 40,000 अभ्यर्थी मानसिक रूप से परेशान और बेरोजगार बने हुए हैं। अगर जल्द ही सरकार में कोई कदम नहीं उठाया तो प्रतियोगी छात्र आत्मदाह करने को बाध्य होंगे।

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