लखनऊ में आदमखोर कुत्तों का आतंक, दवा लेने जा रहे बच्चे को आवारा कुत्तों ने नोंचा

Update: 2018-02-05 01:13 GMT
लखनऊ। 
डालीगंज क्रासिंग के पास रविवार सुबह आवारा कुत्तों के झुंड ने 10 वर्षीय मोहम्मद चांद पर हमला कर दिया। वह अपनी मां के लिए दवा लेने मेडिकल स्टोर जा रहा था। खूंखार कुत्तों ने चांद को घेरकर उसे नोंचना-खसोटना शुरू कर दिया। बच्चे की चीख-पुकार सुनकर राहगीरों ने ईंटा मारकर कुत्तों को भगाने की कोशिश की लेकिन वह चांद के जिस्म में अपने पैने दांत गड़ाते रहे। करीब 10 मिनट की मशक्कत के बाद स्थानीय दुकानदारों ने डण्डा लेकर कुत्तों को खदेड़ा। इसके बाद चांद को बलरामपुर अस्पताल ले जाया गया जहां स्टाफ ने उसे भगा दिया। बाद में परिजनों ने उसे ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया है।
मूलत: सीतापुर के लहरपुर बाजार का रहने वाला मोहम्मद आरिफ मजदूरी करता है। वह डालीगंज क्रासिंग के पास ग्रांट रोड के किनारे झुग्गी बनाकर परिवार के साथ रहता है। परिवार में आरिफ की पत्नी तहजीब बानो व छह बच्चे हैं। आरिफ का मंझला बेटा मोहम्मद चांद एक स्थानीय मदरसे में पहली जमात का छात्र है। परिजनों ने बताया कि आरिफ की पत्नी तहजीब बानो दो दिन से बुखार में तप रही है। शनिवार रात उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी। रविवार सुबह 7:30 बजे चांद अपनी मां के लिए दवा लेने घर से निकला।
शरीर से नोंच ले गए मांस के लोथड़े
वह घर से कुछ दूर डालीगंज क्रासिंग के पास पहुंचा ही था कि चार-पांच आवारा कुत्तों ने उसे दौड़ा लिया। वह जान बचाकर भागा लेकिन अगले ही पल कुत्तों ने उसे घेरकर काटना शुरू कर दिया। चांद ने मदद के लिए शोर मचाया तो कुछ राहगीरों ने कुत्तों को भगाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं भागे। कुछ ही देर में कुत्तों ने चांद को जमीन पर धाराशायी कर दिया। इसके बाद कुत्ते उसकी गर्दन, पीठ, पेट, हाथ व पैर के मांस को नोंच-नोंच कर खाने लगे। यह खौफनाक मंजर देख राहगीर इस कदर सहम गए कि बच्चे की मदद करने के लिए उनके पैर आगे नहीं बढ़ पाए।
10 मिनट तक बच्चे को नोंचते रहे कुत्ते
राहगीरों के शोर मचाने पर स्थानीय दुकानदार व लोग भागकर मौके पर पहुंचे। लोगों ने ईंटा-पत्थर फेंककर कुत्तों को भगाने का प्रयास किया। इस पर कुत्ते चंद सेकेंड के लिए पीछे हट जाते और पथराव रुकते ही फिर से आकर बच्चे को नोंचने लगते। कोई रास्ता न देख आधा दर्जन दुकानदार व रिक्शे वाले लाठी-डण्डा लेकर कुत्तों से मोर्चा लेने आगे बढ़े। लोगों ने डण्डा मारकर कुत्तों को वहां से भगाया। इस बीच घटना की सूचना पाकर चांद के घरवाले भी वहां पहुंच चुके थे।
अस्पताल से भगाया
मोहम्मद आरिफ खून से लथपथ बेटे को ऑटो में बैठाकर बलरामपुर अस्पताल ले गए। घरवालों का आरोप है कि बलरामपुर अस्पताल के डॉक्टरों ने चांद को भर्ती करने के बजाए वहां से भगा दिया। घरवालों के लाख गिड़गिड़ाने पर भी डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजा। चांद को तड़पता देख घरवालों की रूह कांप जा रही थी। कोई रास्ता न देख वह लोग बच्चे को ट्रॉमा सेंटर ले गए। वहां डॉक्टरों ने चांद का प्राथमिक उपचार करने के बाद उसे छुट्टी दे दी। जबकि उसकी हालत बेहद खराब है। मां तहजीब बानो ने बताया कि कुत्ते उनके बेटे के शरीर से मांस नोंच ले गए हैं।
गोश्त की दुकानों के चलते खूंखार हो गए कुत्ते
स्थानीय निवासी मोहम्मद फारूख ने बताया कि डालीगंज क्रासिंग के आसपास गोश्त की अवैध दुकानें लगती हैं। इसके कारण इलाके में कुत्तों की तादाद बढ़ गई है। रात-दिन मांस खाकर यह कुत्ते इतने खूंखार हो गए हैं कि जिंदा लोगों को भी अपना निवाला समझने लगे हैं। चांद के घरवालों का कहना है कि नगर निगम और पुलिस की शह से यह अवैध दुकानें लगती हैं। इसी की वजह से घटना हुई है। लोगों ने बताया कि इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी कोई जिम्मेदार अधिकारी उनके घर पर झांकने नहीं आया।

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