आजमगढ़ में प्रधानाध्यापक ने पुत्र के साथ महिला शिक्षामित्र को जमकर पीटा

Update: 2018-01-28 14:12 GMT
आजमगढ़ - पूर्वांचल में शिक्षा के बड़े गढ़ आजमगढ को आज एक प्रधानाचार्य ने कलंकित कर दिया। जिले के बरदह थाना क्षेत्र के नरवें गांव में एक प्राथमिक विद्यालय में आज सुबह विद्यालय के प्रधानाध्यापक व महिला शिक्षा मित्र में विवाद हो गया। जिसके बाद प्रधानाध्यापक ने बेटे के साथ मिलकर मर्यादा को लांघ दिया। प्रधानाध्यापक के साथ उसके पुत्र के खिलाफ मामला दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार भले ही महिलाओं की सुरक्षा के लिए तमाम दावे कर रही हो, लेकिन आए दिन महिलाओं के साथ हो रही आपराधिक घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामला आजमगढ़ जिले का है। यहां की एक घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। दरअसल यहां एक दबंग प्रिंसिपल ने अपने गुंडा बेटे के साथ एक महिला शिक्षामित्र को जमीन पर पटक कर पीटा। दबंगों ने इस दौरान महिला के मासूम बच्चे को भी फेंक दिया और दहशत मचाने के लिए हवा में पिस्टल लहराई। 
प्रधानाध्यापक के पुत्र ने तो महिला शिक्षा मित्र की पिटाई के दौरान रिवाल्वर भी निकाल ली थी। घायल महिला शिक्षा मित्र ने पिता-पुत्र के खिलाफ मारपीट तथा छेडख़ानी की रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस प्रधानाध्यापक पिता व उसके पुत्र के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
बरदह थाना क्षेत्र के नरवें गांव निवासी सुधा सिंह (40) पत्नी संतोष सिंह गांव प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा मित्र हैं। वह सुबह बच्चों को पोलियों ड्राप पिलाने के लिए विद्यालय आयी थी। सुधा का आरोप है कि विद्यालय में बच्चों के साथ एक घंटे तक जमीन पर बैठकर प्रधानाध्यापक ओमप्रकाश सिंह का इंतजार किया। आरोप है कि प्रधानाध्यापक सुबह करीब 11 बजे तक विद्यालय नहीं पहुंचे। इसके बाद सुधा ने प्रधानाध्यापक को फोन कर अपनी समस्या को बताई।
आरोप है कि प्रधानाध्यापक विद्यालय पहुंचते ही उससे उलझ गए। इसके कुछ देर बाद प्रधानाध्यापक ओमप्रकाश व उसके पुत्र आलोक ने विद्यालय पहुंचकर सुधा की लात-घूसों से पिटाई कर दी। इस घटना से स्कूल में खलबली मच गई और लोग इधर उधर भागने लगे।
सुधा सिंह के मुताबिक, रविवार को पल्स पोलियो की दवाई पिलाने के लिए उन्हें कहा गया था। प्रिंसिपल ने कल सभी से कहा था कि सुबह 8:30 बजे स्कूल में आ जाना। वह प्रिंसिपल के निर्देशों के अनुसार सुबह 8:30 बजे अपने बच्चे को लेकर स्कूल पहुंची। स्कूल में काफी तादाद में बच्चे पोलियो की दवा पीने के लिए आ चुके थे। सुबह के 11:30 बजने के बाद भी स्कूल में ना तो कोई अध्यापक आया और ना ही प्रिंसिपल। इस दौरान सुधा ने प्रिंसिपल को फोन करके कहा कि स्कूल में कोई अध्यापक मौजूद नहीं है और वह सुबह से बैठी हुई हैं। इस पर प्रिंसिपल ने फटकारते हुए कहा कि तुम भी वहां से चली जाओ।
इस दौरान सुधा ने प्रिंसिपल से कहा कि अगर आप कार्यालय आ जाएं तो हम रजिस्टर पर अपनी एंट्री ही दर्ज करा दें। इतने में दबंग प्रिंसिपल फटकारते हुए आग बबूला हो गया। प्रिंसिपल ने खरी खोटी सुनाना चालू किया और कहा कि अभी हम आते हैं तुम हमको कानून सिखा रही हो अभी तुमको सही करते हैं। यह कहने के बाद प्रिंसिपल अपने बेटे के साथ विद्यालय में आ गया और सुधा को पीटने लगा। उसने सुधा के हाथ से उनके ढाई वर्षीय बच्चे को भी छीन कर जमीन पर पटक दिया और सुधा को भी जमीन पर गिराकर बेरहमी से पीटा। दबंगों ने महिला के बाल भी नोचे। इस दौरान उनके दबंग बेटे ने हवा में लाइसेंसी असलहा भी लहराया। इससे भगदड़ मच गई और स्कूल में दहशत का माहौल बन गया।
पीडि़ता को पिछले छह महीने से नहीं मिला वेतन
पीडि़ता का कहना है पिछले अगस्त से उन्हें वेतन नहीं मिला है। वह फिर भी फ्री में काम कर रही है। दूसरे यह प्रिंसिपल लगातार उनको मानसिक प्रताडि़त कर रहा है। आरोप है स्कूल का प्रिंसिपल ओमप्रकाश सिंह उसका बेटा आलोक सिंह उर्फ रवि सिंह की गुंडई गांव में इस कदर हावी है कि कोई भी उसके खिलाफ बोलने को तैयार नहीं है। पीडि़ता का कहना है कि वह दो साल से प्रिंसिपल की प्रताडऩा झेल रही है।
शस्त्र लाइसेंस भी किया जायेगा निरस्त
इस मामले में एसपी आजमगढ़ अजय साहनी का कहना है कि आरोपी के शस्त्र लाइसेंस के निरस्तीकरण के लिए भी निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। 

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