लखनऊ में बढ़ती डकैती की घटनाओं से खफा डीजीपी ओपी सिंह ने मलिहाबाद कोतवाली पहुंच अफसरों की क्लास ली। इसके ठीक साढ़े पांच घंटे बाद गश्त और नाकाबंदी के बीच बदमाशों ने मलिहाबाद में एक दर्जी के घर धावा बोल दिया। दर्जी ने तमंचे के बल पर बंधक बनाने, लूटपाट व पिटाई का आरोप लगाया। जबकि पुलिस ने मामले में चोरी की रिपोर्ट दर्ज की। स्थानीय लोगों ने इस पर आक्रोश जताते हुए पुलिस पर अपराध को छिपाने का आरोप लगाया है।
चिनहट, काकोरी और मलिहाबाद में पांच दिनों में 13 घरों में डकैती और दो की मौत से दहशत के चलते डीजीपी ओपी सिंह शुक्रवार की शाम साढ़े छह बजे के करीब मलिहाबाद कोतवाली पहुंचे। एसएसपी दीपक कुमार व एएसपी ग्रामीण डॉ. सतीश कुमार के साथ बैठक के बाद उन्होंने डकैती की घटनाओं पर पुलिस की कार्रवाई व गश्त की समीक्षा कर डकैतों को जल्द पकड़ने का आदेश दिया है।
दो इंस्पेक्टरों पर गिरी गाज, लाइन हाजिर
एसएसपी ने लापरवाही के आरोप में इंस्पेक्टर मलिहाबाद अरुण कुमार सिंह और इंस्पेक्टर चिनहट रवींद्रनाथ राय के लाइन हाजिर करने के साथ क्राइम ब्रांच से इंस्पेक्टर रीतेंद्र प्रताप सिंह को मलिहाबाद और हुसैनगंज के इंस्पेक्टर राजकुमार सिंह को चिनहट का कोतवाल बनाया है।
एसएसपी ने बताया कि डकैती में लापरवाही के चलते काकोरी के एसओ यशकांत सिंह को पहले ही निलंबित किया जा चुका है और मलिहाबाद के सीओ प्रमोद कुमार सिंह को स्थानांतरित किया गया था।
मुस्तैदी के बीच वारदात अंजाम दे गए बदमाश
मलिहाबाद के मुंशीगंज व सरावां में डकैती के बाद पूरे इलाके में नाकाबंदी व गश्त के बीच बदमाशों ने शुक्रवार रात अमानीगंज में असलम दर्जी के घर धावा बोला। असलम का कहना है कि उसके दो मकान आमने-सामने हैं।
एक मकान में सिलाई का काम करने के साथ वह सोता है, जबकि दूसरे मकान में पत्नी व बेटी सोती हैं। वह शुक्रवार रात 12:30 बजे लघुशंका पर घर से निकला। बाहर घात लगाए बदमाशों ने दबोच लिया। कनपटी से तमंचा सटाकर बाग में खींच ले गए। पैसे व गहनों के बारे में पूछा। विरोध पर पीटा और शोर मचाने पर जान से मारने की धमकी दी। दो बदमाश उसे बाग में बंधक बनाए रहे, जबकि अन्य दो बदमाशों ने घर में घुसकर बक्से से 17 हजार रुपये व एक लाख के गहने लूटे।
वारदात अंजाम देने के बाद उसे घर में धकेलकर भाग निकले। शोर मचाकर आसपास के लोगों और पत्नी को जानकारी दी। करीब 15-20 मिनट बाद पुलिस टीम गश्त करते हुए गांव में पहुंची और सुबह कार्रवाई का आश्वासन देकर लौट गई। ग्रामीणों ने रोष जताते हुए पुलिस पर अपराध छिपाने का आरोप लगाया।
एएसपी-सीओ ने की जांच, चोरी की रिपोर्ट
एसएसपी ने बताया कि अमानीगंज निवासी असलम ने सुबह 7:30 बजे सूचना दी। उसने वारदात का समय रात 12:30 बजे बताया। मोबाइल फोन सुरक्षित था। सवाल उठा कि असलम ने रात को पुलिस को फोन क्यों नहीं किया? ग्रामीणों ने भी पुलिस को कॉल नहीं की।
एएसपी ग्रामीण डॉ सतीश कुमार व सीओ मलिहाबाद संतोष कुमार सिंह ने मौके पर जाकर जांच की। पता चला कि असलम लघुशंका के लिए दरवाजा खोलकर बाहर निकला। इस दौरान चोरों ने वारदात अंजाम दी।
ग्रामीणों में रोष, अपराध छिपाने का आरोप
अमानीगंज में दर्जी के घर लूट का मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने पर एएसपी ग्रामीण व सीओ मलिहाबाद शनिवार दोपहर जांच करने पहुंचे। रात को पुलिस कंट्रोल रूम को कोई सूचना न दिए जाने की बात के साथ रात को पुलिस द्वारा मौके पर जांच से इन्कार किए जाने पर ग्रामीण भड़क उठे। कहा कि असलम की चीखपुकार पर लोग एकत्र होकर माजरा समझ रहे थे कि 15-20 मिनट बाद सफेद गाड़ी से पुलिस टीम आई थी।
चिनहट से लेकर मलिहाबाद तक जबरदस्त नाकाबंदी और एडीजी से लेकर कप्तान तक के गश्त के बावजूद ग्रामीणों में डकैतों की दहशत बनी हुई है। तेज हवा से पेड़ हिलने पर भी डकैत नजर आ रहे हैं।
बीड़ी या टॉर्च की रोशनी नजर आने पर घेराबंदी, फायरिंग और अजनबी लोगों को पकड़ कर पिटाई से पुलिस की परेशानी बढ़ गई है। दहशत का आलम यह है कि मलिहाबाद सर्किल में डकैत देखे जाने की शुक्रवार रात पुलिस कंट्रोल रूम को 37 कॉल की गईं। ग्रामीणों को गलतफहमी का यकीन दिलाने के लिए पुलिस को भोर तक कॉम्बिग करनी पड़ी।
नशेड़ियों की धुनाई कर पुलिस को सौंपा
चिनहट के गांव खराहरा में टोली बनाकर गश्त कर रहे ग्रामीणों ने जंगल के पास दो संदिग्ध युवकों को देखकर घेराबंदी करके पकड़ा। उनकी बोलचाल से संदेह गहराया और जमकर पीटने के बाद पुलिस को कॉल की। पुलिस टीम दोनों को पकड़कर थाने ले गई। इंस्पेक्टर रवींद्रनाथ राय ने गहन पूछताछ की।
पता चला कि गांजा का नशा करने की वजह से दोनों का दिमागी संतुलन गड़बड़ हो गया था। उनके पास से कोई आपत्तिजनक वस्तु बरामद न होने पर पुलिस ने दोनों के फोटो खींचे और ब्योरा दर्ज कर छोड़ दिया। इसी तरह गांव बबुरिया में भी एक संदिग्ध व्यक्ति की पिटाई कर दी गई।