लखनऊ - भाजपा सरकार पर अब तक बयानों से हमलावर समाजवादी पार्टी अब सड़क पर उतरने जा रही है। पार्टी ने 17 जनवरी से आलू की बर्बादी, धान की खरीद में लूट, खाद, बीज की किल्लत, गन्ना बकाया और बिजली दरों में बढ़ोतरी को लेकर तहसीलों में धरना-प्रदर्शन का एलान किया है। पार्टी इस दौरान भाजपा सरकार की घोषणाओं का सच जनता के बीच ले जाएगी।
समाजवादी पार्टी मुख्यालय में शनिवार को हुई एक अहम बैठक में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यह घोषणा की। बैठक में सपा के सभी विधायक, पूर्व मंत्री, बीते विधानसभा चुनावों के उम्मीदवार और जिन सीटों पर कांग्रेस लड़ी, वहां के संभावित उम्मीदवार शामिल हुए। इसमें पार्टी ने न सिर्फ मतदाता सूची के पुनरीक्षण के लिए निर्देश दिया, बल्कि लोकसभा चुनाव के संभावित उम्मीदवारों की भी थाह ली। अखिलेश यादव ने कहा कि कार्यकर्ता विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची पुनरीक्षण के लिए बूथ कमेटी पर मतदाताओं के नाम शामिल कराएं। उन्होंने मतदाता सूची में गड़बड़ी से सतर्क रहने को भी कहा।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में भाजपा को रोकने की ताकत केवल समाजवादी पार्टी के पास है। प्रदेश सरकार दूसरे के काम को अपना काम बनाने का झूठा प्रचार कर रही है। अपनी विफलता पर पर्दा डाल रही है। उन्होंने कहा कि किसानों की आत्महत्या, ठंड से हो रही मौतों पर पीडि़त परिवारों की भाजपा सरकार कोई मदद नहीं कर रही है। जनता का ध्यान मुद्दों से हटाने की ताकत भाजपा के पास है। लेकिन, लोकतंत्र में झूठ और धोखे की राजनीति लंबे समय तक सफल नहीं हो सकती है।
सपा के प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने कहा कि भाजपा सत्ता प्रतिष्ठान का दुरुपयोग कर रही है जिससे लोकतांत्रिक व्यवस्था को खतरा उत्पन्न हो गया है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वह बूथ को बचाने की कोशिश करें, तभी चुनाव जीता जा सकता है।
बैठक में विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी, नेता विरोधी दल विधान परिषद अहमद हसन, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, माता प्रसाद पाण्डेय, इन्द्रजीत सरोज, राजेन्द्र चौधरी, बलराम यादव एवं आरके चौधरी, एसआरएस यादव और अरविंद कुमार सिंह उपस्थित रहे।