देवरिया,समाजवादी पार्टी की सक्रिय सदस्य व कवियत्री अन्नपूर्णा यादव ने वर्तमान समाजवादी पार्टी की स्तिथी देखते हुये। गम्भीर सवाल उठाय़ी है। देखें इस तरह अपना विरोध जतायी- राजनीति मतलब भौकाल, ''जिसका भौकाल जितना टाइट है, उसका फ्यूचर उतना ही ब्राइट है।'' सबसे चिंताजनक बात यह है कि अब समाजवाद भी भौकालवाद बनता जा रहा है जिसका परिणाम जगजाहिर है। आज हजारों लोग सोशल मीडिया पर अखिलेश यादव का फोटो लगाकर खुद को सबसे बड़ा समाजवादी प्रूफ करने में लगे हुए हैं और समाजवाद जय अखिलेश, अखिलेश यादव जिन्दाबाद और डिम्पल यादव जिन्दाबाद तक ही सिमटता जा रहा है। इन सबके बीच भी हमारे तमाम समाजवादी साथी समाजवाद को मजबूत करने हेतु जमीनी स्तर पर प्रयासरत हैं परंतु कुछ शीतकालीन कुहरे की तरह आच्छादित चाटुकार लोग उनके समाजवादी अलख को प्रकाशमान होने से रोककर स्वयं को ही योग्य सिद्ध करने पर उतारू हैं फलस्वरूप समाजवाद दिन प्रतिदिन विघटित और संकुचित होता जा रहा है। लगभग दो दशकों से भी ज्यादा समय से अपने खून पसीने से समाजवाद को सिंचित कर रहे समाजवादी कार्यकर्ता एवं लेखक व्यास यादव जी लिखते हैं कि ''गरीब की आंख में आंसू नहीं उसके होठों पर मुस्कान हो इसके लिए प्रत्येक समाजवादियों को हर जोखिम उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए।'' परंतु आज समाजवाद में चमक धमक और भौकालवादी लोगों की ही पहुंच और पूछ है, गरीबों, शोषितों और वंचितों की बात करने वाला कोई नहीं है और जो है उसको लगातार नजरंदाज एवं उपेक्षित किया जा रहा है ।
आंदोलनों की लम्बी फेहरिस्त अपने नाम कर चुके श्री व्यास यादव जी ने लिखा है कि ''समाजवादी दर्शन में आंदोलनों का कोई समय विशेष नहीं होता है क्योंकि समाजवादी होने का मतलब ही अन्याय के खिलाफ लड़ने वाली पार्टी है।''
समाजवादी पार्टी से देवरिया सदर के विधानसभा अध्यक्ष रह चुके श्री यादव पार्टी के लिए सदैव तन मन और धन से समर्पित रहते हैं। किसान, मजदूर एवं व्यापारियों के हित की रक्षा के लिए जब भी संघर्ष हुआ हमेशा आगे खड़े रहे, लाठियां खाने से लेकर जेल जाने तक भी श्री यादव कभी घबराये नहीं और ना ही अपने कर्तव्यों से पीछे हटे ।इन सबके अलावा श्री व्यास यादव जिले में प्रत्येक वर्ष दंगल का आयोजन करवाकर अपनी पारम्परिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए भी प्रयासरत हैं जिसमें वह दंगल से संबंधित सभी व्यवस्थाओं से लेकर एंकरिंग तक की जिम्मेदारी स्वयं संभालते हैं। गांव तथा जिले में गरीबों की मदद से लेकर समाज के सभी वर्गों से बिना किसी भेदभाव के जुड़े रहना तथा सबके हित एवं सहयोग के लिए सदैव तत्पर रहना इनका मूल स्वभाव है।
पूरा जीवन समाजवादी आन्दोलन को समर्पित करने वाले श्री व्यास यादव जी सच्चे समाजवादी प्रख्यात चिंतक स्वर्गीय मोहन सिंह के साथ लगे रहे।स्वर्गीय मोहन सिंह सहित पार्टी के सभी चुनावों में चाहे जो भी पार्टी से चुनाव लड़ा उन सभी को अपने तन मन धन से लगने वाले इस शख्स को माननीय नेताजी श्री मुलायम सिंह यादव जी का समय समय पर आशीर्वाद मिलता रहा।बेदाग छवि, सरलता, सहजता, लगन, ईमानदारी, मेहनत तथा निष्ठा इनके जीवन की वास्तविक पूंजी है, जिसके लिए श्री यादव युवा समाजवादियों के लिए एक मार्गदर्शक एवं प्रेरणास्रोत भी हैं ।
समाजवादी रथ को जीवन भर ढोने, पार्टी में ईमानदारी से काम करने, संघर्ष करने, लाठी खाने और जेल जाने,पार्टी में किसी तरह की गोलबंदी न करने वाले श्री व्यास यादव जी के लिए हम सभी को पार्टी से बहुत कुछ उम्मीदें हैं हालांकि ये उम्मीदें परवान चढ़े ना चढ़े परंतु ये सच्चे समाजवादी पार्टी की नीतियों से आजीवन जुड़े रहने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
वैसे भी यदि समाजवादी पार्टी अपना हितों और सुधार के लिए यदि तत्पर होती है तो ऐसे समाजवादी को मौका जरूर मिलना चाहिए जिससे पार्टी की उन्नति होगी तथा समाजवाद को ज़मीनी मजबूती भी मिलेगी।
- अन्नपूर्णा यादव