कड़ाके की ठंड के कहर पर,अलाव बना सहारा-जेपी यादव

Update: 2018-01-03 06:39 GMT
मड़ियाहू (जौनपुर): हाड़ कपा देने वाली ठंड में ठिठुरते लोगों को राहत देने के लिए अलाव ही एकमात्र सहारा बने हुए हैं। मौसम पिछले दो तीन दिन में आए ठंड में बदल गए हैं और लोगों की ठंड ने मुसीबत बढ़ा दी है। लोग जैसे-तैसे करके सर्दी से बचाव कर रहे हैं। 

सोमवार को तापमान 18 डिग्री अधिकतम और न्यूनतम पांच डिग्री रिकॉर्ड दर्ज किया गया। आज का दिन सबसे ठंडा दिन है। और सर्द हवाओ के कारण लोगो का बुरा हाल हो गया है। बीते रविवार तड़के से ही कोहरे ने अपनी चादर फैला दी। जिसके कारण सड़को पर फर्राटा भरने वाले वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ गई।

वहीं सर्द भरी हवाओ के कारण लोग सर्दी से कांपते हुए दिखाई दिए। अलाव का सहारा लेकर लोगो ने अपनी सर्दी को दूर किया। वहीं कोहरे के कारण दिन में ही वाहनों के चालको को लाइट जलाकर जाना पड़ा। ताकि किसी प्रकार का हादसा न हो सके।

वहीं सर्दी के कारण बच्चो और बड़ो का बुरा हाल है। जिसके कारण चिकित्सक भी रोगो से बचने के लिए सर्दी से बचाव की जानकारी दे रहे हैं। ताकि स्वस्थ्य रह सकें।

डॉ.श्याम दत्त दुबे ने बताया की फसलों के लिए नुकसान दायक है कोहरा और पाला
कोहरा और पाला कई फसलों के लिए नुकसान दायक है। पाले से गेहूं की फसल तो अच्छी होगी। लेकिन पाले के कारण मटर, टमाटर, गोभी एवं अन्य सब्जियों आलू की फसल को नुकसान दायक है।

चार डिग्री पहुंचा तापमान-
रविवार को 6 डिग्री तापमान था और मंगलवार को तापमान 5 डिग्री पर जा पहुंचा सर्द हवाओं से लोगो को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। और आज बुधवार को चार डिग्री तापमान रहा जबकि आने वाले दिनो में सर्दी और अधिक बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है।

सर्दी में -हार्ट अटैक -अस्थमा -डायरिया, कोल्ड मौसन -मैनेजाइटिस लकवा आदि बुखार, जुकामक्या करें बचाव मॉनिंग वॉक से बचें - नियमित दवा का प्रयोग करें अधिक ठंडी चीजों का प्रयोग न करें धूप निकलने पर धूप में बैठें पर्याप्त संख्या में गर्म एवं ऊनी कपड़ो का प्रयोग करें बच्चों को ठंडा एवं रखा हुआ खाना एवं दूध न दें अधिक सर्दी में बाइक पर अधिक लंबा सफर करने से बचें

सर्दी के मौसम में सर्दी से बचाव ही सबसे अधिक जरूरी है। यदि रोगों से बचना है तो सर्दी से भी बचना होगा। वहीं, सर्दी लगने के बाद यदि किसी प्रकार की दिक्कत है तो चिकित्सक से सलाह लें, ताकि समय रहते रोग पर काबू किया जा सके। यह सब बातें
डा.राजेश पाण्डेय, विरेन्द सिँह,शामभवी,वैभवी के साथ अलाव तापते हुये कहीं।।

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