सिकंदरा उपचुनाव में सपा प्रत्याशी के 19 हजार वोट बढ़े

Update: 2017-12-25 13:23 GMT
सिकंदरा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में भाजपा ने कड़े मुकाबले में भले ही सीट पर कब्जा बरकरार रखा लेकिन नौ महीने में उसकी जीत का अंतर 38 हजार से घटकर करीब 12 हजार रह गया है। सपा के वोटों में 19 हजार से ज्यादा का इजाफा हुआ है। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कानपुर देहात की सिकंदरा सीट पर मथुरा प्रसाद पाल को उम्मीदवार बनाया था। सपा का कांग्रेस से गठबंधन था। सपा ने सीमा सचान को टिकट दिया था। बसपा ने महेन्द्र कटियार को मैदान में उतारा था।
मथुरा प्रसाद के निधन के बाद हुए उपचुनाव में भाजपा ने उनके बेटे अजीत पाल को टिकट दिया। सपा ने फिर सीमा सचान को उम्मीदवार बनाया जबकि बसपा ने कोई प्रत्याशी नहीं उतारा। नौ माह पहले सपा का समर्थन करने वाली कांग्रेस ने प्रभाकर पांडेय को उम्मीदवार बनाया।
भाजपा के मथुरा प्रसाद पाल को 87,879 वोट मिले थे। बसपा के महेन्द्र कटियार 49,777 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे थे। सपा की सीमा सचान 42 हजार वोटों के साथ तीसरे स्थान पर थीं। उस समय मथुरा प्रसाद ने बसपा के महेन्द्र कटियार को 38,103 मतों से शिकस्त दी थी।
अजीत पाल 73,325 वोटर लेकर जीते हैं। इस तरह भाजपा ने यह सीट अपने पास ही रखी है लेकिन इस बार जीत का अंतर लगभग 26 हजार कम हो गया है। सपा की सीमा सचान को 61,455 वोट मिले हैं। कांग्रेस के प्रभाकर पांडेय को 19,090 मत मिले।
...तो पलट सकती थी बाजी
 भाजपा ने सपा को 11,870 मतों से हराकर सीट तो बचा ली लेकिन नौ महीने में उसका जनसमर्थन कम हुआ है। शुरू के 15 राउंड तक कांटे के मुकाबले ने स्पष्ट संकेत दिया था कि संगठन और सरकार की टीम 15 दिन तक बूथ स्तर पर नहीं जुटती तो बाजी पलट सकती थी। 
हालांकि भाजपा नेताओं का कहना है कि उनके समर्थन में कमी नहीं आई है। भाजपा को अगले साल गोरखपुर और फूलपुर में होने लोकसभा उपचुनाव के लिए सिकंदरा के नतीजे को ध्यान में रखकर रणनीति बनानी होगी।

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