अनुपूरक बजट जनविरोधी: अखिलेश

Update: 2017-12-20 01:44 GMT

लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार के अनुपूरक बजट को जनविरोधी करार दिया है। उन्होंने यूपीकोका की भी मुखालफत करते हुए कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं थी। अपराध नियंत्रण के लिए प्रदेश में पहले से ही कई कानून हैं। भाजपा सरकार यूपीकोका के जरिये विरोधियों का उत्पीड़न करेगी।

अनुपूरक बजट पर मंगलवार को मीडिया से वार्ता करते हुए अखिलेश ने कहा कि भाजपा की नीतियों और कार्यों से जनता संतुष्ट नहीं है। अनुपूरक बजट में दवा, स्वास्थ्य की कोई व्यवस्था नहीं है। गुजरात चुनाव के बाद भाजपा एक बार फिर विकास की राजनीति के नाम पर लोगों को भ्रमित करने के अभियान में जुट गई है। उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार ने गंभीर बीमारियों, दिल, कैंसर, किडनी और लीवर के मुफ्त इलाज की व्यवस्था की थी। अब मुफ्त डायलिसिस भी नहीं हो रही है। दवा मुफ्त नहीं मिल रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि प्रदेश में आलू सड़ रहा है। किसानों को धान की कीमत नहीं मिली है। फसल की लागत में डेढ़ गुना बढ़ाकर देने का वादा भी सिर्फ वादा ही रहा। गड्ढामुक्ति के नाम पर भी घोटाला हुआ। भाजपा सरकार में एक यूनिट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था के मामले में प्रदेश सरकार पूर्णतया विफल है। राजधानी में हत्याएं हो रही हैं। राजधानी में मुख्यमंत्री निवास और राजभवन के पास डुमरियागंज के पूर्व विधायक जिप्पी तिवारी का इकलौता बेटा मारा गया। भाजपा सरकार अपराधियों को नियंत्रण में रखने में असफल है।

सरकार ने पेश किया घोर निराशाजनक बजट : हसन

विधान परिषद में मंगलवार को भोजन अवकाश के बाद अनुपूरक अनुदान मांगों पर सामान्य चर्चा शुरू हो गई। पहले दिन नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने कहा कि मैं इस बजट का घोर विरोध करता हूं। यह घोर निराशाजनक बजट है। इसमें जनकल्याणकारी योजना और विकास कार्यो के लिए बजट का कोई प्रावधान नहीं है।

किसान व दलित विरोधी है यह बजट : बसपा के प्रदीप कुमार जाटव ने बजट के विरोध में कहा कि शिक्षा व सुरक्षा के नाम पर कोई धन खर्च नहीं हुआ है। यह किसान विरोधी व दलित विरोधी सरकार है। 1शिक्षा, स्वास्थ्य व सुरक्षा सरकार जिम्मेदारी : शिक्षक दल के नेता ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि सड़के गड्ढा मुक्त नहीं हुईं। शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा यह सरकार की जिम्मेदारियां हैं। विकास इन तीनों के बिना नहीं हो सकता है। आज न जीवन की सुरक्षा है और न धन की।

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